साहिबगंज।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक टकराव के दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए. शहीद हुए जवान में एक साहिबगंज का रहने वाला है।
जानकारी के अनुसार चीनी सैनिकों के साथ हिंसक टकराव के दौरान साहेबगंज का जवान सदर प्रखंड के हाजीपुर पश्चिम पंचायत के डिहारी गाँव निवासी रविशंकर ओझा का पुत्र कुंदन कुमार ओझा शहीद हो गया। मंगलवार की शाम परिजनों को उनकी शहादत की सूचना मिली। इसके बाद गांव में चीख-पुकार मच गई। करीब एक महीने पहले ही उन्हें पुत्री की प्राप्ति हुई थी।
जवान कुंदन की शहादत की खबर सुनकर पूरा परिवार सदमे में है। कुंदन की शादी दो साल पहले सुल्तानगंज के मिरहट्टी की नेहा के साथ हुई थी। परिजनों ने बताया कि आखिरी बार 15 दिन पहले कुंदन ने फ़ोन पर अपने परिवार से बात की थी। बेटी होने की खुशी व्यक्त करते हुये कुंदन ने कहा था कि अभी लॉकडाउन लग गया है. जैसे ही लॉकडाउन खुलेगा आकर बेटी को देखूंगा। लेकिन इससे पहले उसके शहादत की खबर आ गयी।
कुंदन के बड़े भाई मुकेश कुमार ओझा धनबाद तो छोटे भाई कन्हैया ओझा गोड्डा में एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत हैं। मंगलवार को घटना की जानकारी मिलने के समय घर पर उनके माता-पिता के अलावा पत्नी व भाभी थीं। छोटे भाई की अभी शादी नहीं हुई है। कुंदन ने हाईस्कूल दुबौली से मैट्रिक तक की पढ़ाई की। इंटर साहिबगंज कॉलेज से किया।
कुंदन कुमार ओझा का साल 2011 में 16 बिहार दानापुर रेजिमेंट की बहाली में चयन हुआ था। परिजनों ने बताया कि वे 16 दानापुर रेजिमेंट के जवान थे। 2011 में रांची में भर्ती कैंप लगा था जिसमें कुंदन का चयन हुआ था। तीन साल से कुंदन कुमार ओझा लद्दाख के लेह में पदस्थापित थे। छुट्टी पर आये कुंदन इसी साल फरवरी माह में घर से लद्दाख गये थे।
45 साल बाद चीन की सीमा पर शहादत की पहली घटना
बता दें, चीन की सीमा पर लगभग 45 साल बाद, भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों की इस तरह शहादत की पहली घटना है। हिंसक टकराव के दौरान एक अधिकारी व दो जवान शहीद हुए, जबकि 6 चीनी सैनिक भी ढेर हुए हैं। 1975 में अरुणाचल प्रदेश में तुलुंग ला में हुए संघर्ष में चार भारतीय जवानों की शहादत के बाद यह इस तरह की पहली घटना है।