धनबाद।
झारखंड में प्रतिवर्ष लगभग 3.5 लाख यूनिट खून की जरूरत पड़ती है। लेकिन यहां सालाना सिर्फ एक लाख 90 हजार यूनिट रक्तदान ही हो पा रहा है.जिसका असर धनबाद के सरकारी अस्पताल पीएमसीएच पर भी पड़ रहा है। कोयलांचल धनबाद के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच के ब्लड बैंक में ब्लड की कमी से यंहा इलाजरत मरीजों को काफी परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है।
क्या है पूरा मामला:
धनबाद के पांच सौ बेड वाले इस बड़े सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक में करीब 900 यूनिट ब्लड संजोने की क्षमता है। लेकिन पिछले कई दिनों से इस ब्लड बैंक में ब्लड की कमी है। कम रक्तदान होने से यहां जरूरतमंदों की खून की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है। कम रक्तदान होने से यहां जरूरतमंदों की खून की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है। अत्यंत गंभीर मरीजों को भी समय पर ब्लड नहीं मिल रहा है।
कई दिनों से है ब्लड बैंक में खून की कमी :
खून के लिए संबंधित ग्रुप के डोनर की व्यवस्था परिजनों को करनी पड़ रही है। आपात स्थिति में किसी खास ग्रुप का खून उपलब्ध कराने में ब्लड बैंक ने अपने हाथ खड़े कर रखे हैं। रक्त की किल्लत के कारण सबसे अधिक परेशानी थैलेसीमिया से पीडि़त बच्चों को हो रही है। उन्हें हर महीने खून चढ़ाने की नौबत आ पड़ती है। ब्लड बैंक में खून उपलब्ध नहीं होने के कारण उनके परिजनों को काफी परेशानी हो रही है
जरुरतमंदो को नहीं मिल रहा है खून :
खून की कमी के कारण जरूरतमंद मरीजों के लिए स्वैच्छिक रक्तदाता जीवनदाता साबित हो रहे हैं। लोगों की सूचना पर वे संबंधित ग्रुप का डोनर भेजकर मरीज की जरूरत पूरी कर रहे हैं।
पीएमसीएच अस्पताल अधीक्षक की माने तो ब्लड बैंक में ब्लड की कमी होली के कारण हुई है. फिलहाल ब्लड बैंक में खून की कमी के लिए रक्तदान करने वाले कई संस्थाओ से सम्पर्क किया गया है जल्द ही इसका निराकरण हो जायेगा।