गिरिडीह।
अतिनक्सल प्रभावित पीरटांड़ के नावाडीह निवासी प्रवीर उर्फ़ बलबीर उर्फ़ चरका उर्फ़ बाराती महतो ने गिरिडीह पुलिस के समक्ष दोपहर 1 बजे आत्मसमर्पण करेगा।
झारखण्ड सरकार ने परवीर उर्फ़ बलबीर पर 25 लाख का इनाम घोषित कर रखा था. बलबीर के सरेंडर किये जाने से भाकपा माओवादी को तगड़ा झटका लगा है. इनामी नक्सली पिछले कई सालो से संथाल परगना के इलाके में सैक का सदस्य था. बलबीर पर पाकुड़ के तत्कालीन एसपी अमरजीत बलिहार की हत्या समेत गिरिडीह और संथाल परगना में दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज है. लम्बे समय से गिरिडीह पुलिस को इसकी तलाश थी. पुलिस उसके घर की कुर्की कर चुकी है. बलबीर का बड़ा भाई महरू भी नक्सली है. वह पिछले सात सालो से उड़ीसा के एक जेल में बंद है. मंझला भाई मधुबन के एक जैन संस्था में नौकरी करता है.
गिरिडीह पुलिस ने बलबीर के परिजनों को झारखण्ड सरकार के सरेंडर पॉलिसी की अहमियत को बताते हुए जागरूक किया। बलबीर के परिजनों को गिरिडीह पुलिस ने बताया कि छह माह पहले भी इसी इलाके बाबूचन ने सरेंडर पॉलिसी का फायदा लेते हुए समाज की मुख्य धारा से जुड़ गया. गिरिडीह पुलिस की इसी जागरूकता अभियान का नतीजा है कि बलबीर ने आज गिरिडीह पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
बताया जाता है कि पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र झा की टीम लगातार इलाके में झारखण्ड सरकार की सरेंडर पॉलिसी का प्रचार-प्रसार कर रही है. ऐसे में सफल जागरूकता अभियान का ही नतीजा है कि गिरिडीह पुलिस ने माओवादियों को झटका देते हुए छह माह के अंदर दो बड़े नक्सली को सरेंडर कराया। आज के समारोह में पुलिस के आलाधिकारियों के अलावे सीआरपीएफ के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।