गिरिडीह।
एक तरफ जहां आयुष्मान भारत योजना की कमियों और खूबियों पर देश भर में चर्चा हो रही है। वहीं गिरिडीह में इस योजना का लाभ अब गरीबों को मिलने लगा है।
आयुष्मान भारत योजना के तहत पहला गोल्डन कार्ड लाभुक ममता देवी को प्राप्त हुआ। जिससे ममता व उसके परिजन बेहद खुश हैं।असल में स्वस्थ महकमा यहां इस योजना को प्राथमिकता के आधार पर गति दे रहा है। लगातार इस योजना से लोगों को जोड़ने की प्रक्रिया भी यहां चल रही है। गोल्डन कार्ड प्राप्त ममता देवी ने कहा कि अब उन्हें 5 लाख तक के इलाज की सुविधा मिल गई है जिससे उन्हें काफी राहत नसीब हुई है।
इस बावत जिले के सिविल सर्जन का कहना है कि फिलहाल शहर के 6 नर्सिंग होम को इस योजना का लाभ देने के लिए इम्पेनल्ड किया गया है। अन्य कई नर्सिंग होम को भी इम्पेनल्ड करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। बताया गया कि जिन्होंने भी इसके लिए ऑनलाइन आवेदन किया है।उसकी जांच कर जल्द ही उन्हें इस योजना से जोड़ा जाएगा।
इधर इस योजना के शुरू होने से गरीब गुरबों में खुशी की लहर है। इसी तरह अन्य लोगों ने भी इस योजना से जुड़कर खुशी जाहिर की। लोगों का कहना है निश्चित रूप से यह योजना गरीबों के लिए संजीवनी बन कर आई है। लोगों ने कहा कि अब देश के किसी भी बड़े अस्पताल में जहां तक इनकी पहुंच अब तक नहीं थी वहां आयुष्मान कार्ड लेकर वे पहुंच सकते हैं।
यहां बता दें कि 5 लाख रुपए की हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम आयुष्मान भारत 23 सितंबर से शुरू हो चुकी है।इसके लिए पात्र 10.74 करोड़ परिवारों की पहचान पहले ही हो गई है। इसके तहत 50 करोड़ लाभार्थियों को इस स्कीम का लाभ मिलेगा। इसके तहत परिवार चाहे कितना भी बड़ा हो सभी को फायदा मिलेगा। इसके अलावा आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेने के लिए उम्र की भी कोई सीमा नहीं है। आयुष्मान भारत की गाइडलाइंस के मुताबिक इसके तहत पूरी तरह से कैशलेस और पेपरलेस इलाज होगा।इस योजना का फायदा प्राइवेट और सरकारी दोनों ही हॉस्पिटल में लिया जा सकता है। योजना के तहत गरीब और ग्रामीण परिवारों को सामाजिक आर्थिक और जातीय जनगणना 2011 (सोशियो इकोनॉमिक कास्ट सेंसस, 2011) के हिसाब से चुना गया है। इसके अलावा ऐसे परिवार जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत पंजीकृत हैं उनकों भी इसमें शामिल किया गया है। ऐसे में बड़ी संख्या में लाभार्थी योजना का लाभ लेने गिरिडीह सदर अस्पताल पहुँच रहे है.
कुल मिलाकर वाकई आयुष्मान भारत योजना गरीबों के लिए बेहद लाभकारी है।अगर इमानदारी से इस योजना का लाभ गरीबों तक पहुंचे तो न सिर्फ गरीबों राहत मिलेगी बल्कि इनका मृत्यु दर काफी कम हो जाएगा।