देवघर/जसीडीह।
देवघर जिले के जसीडीह थाना क्षेत्र से एक शर्मनाक वाक्या सामने आया है. थाना क्षेत्र के रांगा गांव की रहने वाली एक नाबालिग को दरिंदे चिकित्सक ने अपने हवस का शिकार बनाया है वो भी एक-दो दिन नहीं बल्कि दो साल।
साल 2017 में गायब हुई थी नाबालिग:
जसीडीह थाना क्षेत्र के रांगा गांव निवासी द्वारा 27 नवम्बर 2016 को नाबालिग लड़की के अपहरण का मामला जसीडीह थाना में दर्ज कराया गया था. मामले में दो अभियुक्तों सिंटू यादव और राजकिशोर को उस वक़्त गिरफ्तार भी किया गया था. जो अभी जमानत पर हैं. लेकिन अपहरण की गयी नाबालिग लड़की बरामद नहीं हो सकी थी.
मामले को लेकर सरकार भी थी गंभीर:
घटना के संबंध में मुख्यमंत्री झारखंड की ओर से लगातार नाबालिग लड़की को बरामद करने के लिए संवाद स्थापित की जा रही थी. पुलिस द्वारा लगातार अपहृत लड़की की बरामदगी को लेकर प्रयास जारी था.
पुलिसिया दबिश से लड़की हुयी बरामद:
पुलिस के लगातार दबिश का परिणाम यह हुआ कि पीड़ित लड़की बरामद हुई. पीड़िता का सीआरपीसी की धारा 164 के तहत न्यायालय में बयान दर्ज कराया गया.
पीड़िता ने अपने बयान में लिया डॉक्टर का नाम:
पीड़िता के बयान में यह बात सामने आयी कि धनबाद के रांगाटांड़ निवासी, धनबाद रेलवे में पदस्थापित डाॅक्टर नरेश यादव द्वारा लगातार पीड़िता के साथ यौन शोषण किया जा रहा था. बयान के आधार पर वरीय पुलिस पदाधिकारी के निर्देश पर जसीडीह पुलिस द्वारा लगातार छापामारी की गयी. छापामारी के दौरान 7 सितम्बर 2018 को यौन शोषण के आरोपी डाॅक्टर को धनबाद से गिरफ्तार किया गया. जिसे जेल भेज दिया गया.
घर में कैद रख डॉक्टर कर रहा था हैवानियत:
जसीडीह इन्सपेक्टर सह थाना प्रभारी डी0एन0आजाद ने बताया कि पीड़िता ने बयान के अनुसार जब वह दो साल पहले धनबाद रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से जब वह बेहोशी की हालत में उतरी थी तो डाॅक्टर नरेश यादव ने उसे बहला-फुसला कर और नर्सिंग में काम दिलाने का बहाना बना उसे अपने साथ अपने घर ले गया और दो सालों तक बंद कर के रखा. और उसका लगातार यौन शोषण करता रहा.