जमशेदपुर।
जमशेदपुर में एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग के दावों कि पोल खुलती नजर आयी है. जहा एंबुलेंस नहीं मिलने से एक परिवार अपने बूढ़े पिता को ठेला पर लेकर अस्पताल पहुंचे.
करीब दो से तीन किलोमीटर ठेले पर लेकर छायानागर से मरीज के परिजन पैदल ही एमजीएम अस्पताल लेकर पहुंचे। जिसकी तस्वीर आप ऊपर वीडियो में देख सकते है. यही नही मरीज को ठेले पर लाने बाद भी स्ट्रैचर पर खुद इस वार्ड से उस वार्ड परिजनों को ले जाना पड़ा.
जिस मकसद से झारखण्ड सरकार ने 108 एंबुलेंस सेवा कि शुरुआत की है. वह मकसद पूरे होते नजर नहीं आ रहे है. एंबुलेंस के कर्मचारियों द्वारा इसका गलत उपयोग किया जा रहा है. मरीज के परिजन द्वारा फोन किये जाने के बावजूद भी एंबुलेंस वालो ने मरीज को लाने से इंकार कर दिया। जिसके कारण मरीज के पैर टूटा होने के बावजूद भी अस्पताल एम्बुलेन्स वाला नही आया और लाचार परिजनों को एमजीएम के इमरजेंसी वार्ड तक ठेले पर मरीज को लाना पड़ा.
जब इसकी शिकायत एमजीएम अधीक्षक से की गयी तो वो पहले विश्वास नही किये। बाद में 108 नंबर एम्बुलेंस को फोन किया और उससे पूछताछ कर भविष्य में ऐसा नही हो इसकी नसीहत दी. उन्होंने कहा है वो उसकी जांच करेंगे।