जमशेदपुर:
एक बार फिर जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल की लापरवाही सामने आयी है.
पुरे कोल्हान का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल एमजीएम अस्पताल है. मगर एक बार फिर एमजीएम अस्पताल में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला प्रकाश में आया है. जहां अस्पताल के एक मरीज को जमीन पर पड़ा हुआ देखा गया. मरीज को वहां से उठाना तो दुर भोजन भी फर्श पर एक पत्तल में दे दिया गया. मरीज का पैर टूटा हुआ है. मगर वार्ड की जगह वह वार्ड के बाहर फर्श पर ही पड़ा हुआ है. उसे वार्ड में रखने वाला कोइ नहीं है.
मरीज़ का पैर टूटा होने के कारन उसके पैर में प्लास्टर तो है मगर उसे देखने वाला कोइ नहीं है. अस्पताल में आने वाले लोगों का भी कहना है कि मरिज की देखरेख की जिम्मेवारी यहां के वार्ड बॉय और डॉक्टरों की है. मगर कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में सभी अपने फर्ज से मुंह मोड़ चुकें है. जिसका नतीजा है कि इस तरह मरिज फर्श पर पड़ा है. उसे देखने वाला कोइ नहीं.
अस्पताल में आए लोगों का साफ तौर पर कहना है कि सरकारी अस्पताल में डॉक्टर नर्स और वार्ड ब्याय की जिम्मेदारी होती है मरिजों की देखरेख करना. इतना ही नहीं अस्पताल के प्राइवेट गार्ड ने भी कहा कि इस तरह मरिजों को देखते ही वार्ड और डॉक्टर को सुचना दी जाती है. मगर अब तक इसे देखने वाला कोइ नहीं है. उन्होंने कहा कि इस तरह के मरिजों को वार्ड बॉय की ही जिम्मेदारी है उसे बेड तक ले जाए.
एमजीएम अस्पताल में अधिकतर गरिब मरिज ही आतें है अगर इसी तरह अस्पताल के कर्मचारियों का रवैया रहा तो अस्पताल के साथ साथ सरकरी व्यवस्था पर भी कइ सवाल खड़ें होते है ।