दुमका:
दुमका जिला के शिकारीपाड़ा के चकलता गांव में चल रहे एक मात्र गुरुकुल में कौशल विकास का प्रशिक्षण लेने वाले 70 युवाओं ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनका यह प्रशिक्षण इतनी लम्बी उड़ान भारायेगा.
देश सेवा का सपना लिए यहाँ के आदिवासी युवा अब प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत ये युवा अब समंदर मे भी अपने हुनर का प्रदर्शन करेंगे. गुरुकुल में कंस्ट्रक्शन का काम सिखने वाले संथाल परगना के विभिन्न जिला से आये गरीब आदिवासी युवकों का नेवी यानी जल सेना ने चयन किया है. जो काकीनारा नेवी के साईड बंगलौर में कंस्ट्रक्शन के काम में जायेंगे.
दरअसल, युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देने के लिए दो साल पहले शिकारीपाड़ा प्रखंड के चकलता गांव में गुरुकुल की स्थापना की गयी थी. अभी तक गुरुकुल के माध्यम से करीब 350 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. अभी दुमका, साहिबगंज और पाकुड़ के 70 युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. इन सभी युवाओं का चयन नेवी ने अपने यहां होने वाले निर्माण कार्य के लिए किया है. इन लोगों से जमीन के ऊपर और पानी के अंदर भी काम लिया जाएगा और इस कार्य के बदले प्रति युवा को 18 से 20 हजार रुपया भी मिलेगा.
संथाल परगना के युवा अब अपनी हुनर की पहचान देश सेवा की भावना के साथ साथ नेवी में देने जा रहे है. जिससे यहाँ के गरीब आदिवासी युवाओं को प्रशिक्षण की वजह से बड़े राज्य में ऐसे लोगों के बीच काम करने का सपना साकार हो रहा है जहां लोग चाहकर भी आसानी नहीं पहुंच पाते हैं.
झारखण्ड सरकार के कल्याण विभाग द्वारा संचालित कल्याण गुरुकुल के माध्यम से संथाल परगना के छह जिला दुमका, देवघर, पाकुड़, गोड्डा, साहेबगंज और जामताड़ा के सुदूर गांव से गरीब आदिवासी युवक गुरुकुल में कंस्ट्रक्शन का काम सिखने आते है जिसका चयन कल्याण बिभाग करती है. प्रशिक्षण 45 दिनों का होता है. कौशल विकास के तहत इनको ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद विभिन्न कंपनियों द्वारा यहाँ के युवाओं का चयन विभिन्न कंस्ट्रक्शन के कामों में लिया जाता है जिससे युवा नौकरी पाकर अपना जीवन यापन चलाते हैं. ऐसे ही गुरुकुल में प्रशिक्षण ले रहे युवाओं को नेवी ने प्रशिक्षण लेने वाले 70 युवाओं का चयन किया है. एक सप्ताह के अंदर सभी को काकीनारा के नेवी साइड में नेवी कंस्ट्रक्शन के लिए ले जाया जायेगा.