बोकारो:
साल 1992 मे तत्कालीन एसडीओ सी.के अनिल के प्रयास से चास स्थित आईटीआई मोड़ में बस स्टैंड का निर्माण कराया गया था. 26 साल बीत गए जिसे जवाबदेही मिली उसी ने आँख मूंद लिया. अब भगवान भरोसे बस स्टैंड चल रहा है.
इस बस स्टैंड का वर्ष 2015 में लगभग 35 लाख की लागत से जिर्णोधार कराया गया. दो वित्तीय वर्ष 15- 16 और 16-17 में दो बार इसकी बंदोबस्ती की गयी. पहली बार 17 लाख और दूसरी बार 19 लाख में इसकी बंदोबस्ती की गयी. जबकि 18-19 के लिए 21 लाख में बस पड़ाव की बंदोबस्ती की गयी. लेकिन बंदोबस्ती के बाद पुरानी पंरपरा नहीं टूटी और आज भी ठेकेदार बस पड़ाव में गाड़ी लगवाने के बजाए बाहर चास के धर्मशाला मोड़ और आईटीआई मोड़ के पास से वसूली करते हैं.
बस पड़ाव बना ट्रक रखने की जगह या फिर गैरेज:
बाहर से आयी गाड़ियों को यहां पर ठिकाना दिया जाता है और कोई ट्रक खराब है तो मैकेनिक आराम से गैरेज समझ यहाँ काम करते हैं. सबसे बड़ी बात यह भी देखने को मिली कि एक परिवार शादी को लेकर वर और वधू को लेकर यहां पहुंचा. बस स्टैंड का लाभ परिवार के लोग आराम से करते नजर आए. स्थानीय लोगो का कहना है कि जब बस ही नहीं है तो इसका उपयोग कर रहे हैं. अगर यह काम करता तो यात्रियों को काफी सुविधा मिलती. जिसको जिम्मेदारी सौंपी गयी थी वह आज चैन की बंसी बजा रहे हैं. चास नगर निगम के अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.
मामले में चास अनुमंडल पदाधिकारी सतीश चंद्र का कहना है कि बस स्टैंड छोटा है और इसे जल्द दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है, लेकिन जो बस स्टैंड बना हैं उसकी जिम्मेदारी चास नगर निगम को है. हालाँकि इस मामले में चास नगर निगम को डायरेक्शन ज़रूर देंगे.