रिपोर्ट: नितेश कुमार
दुमका:
ओवरलोडिंग के खिलाफ दुमका जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में पुलिस ने मुहीम छेड़ रखी है. जगह-जगह ओवरलोडेड वाहनों को जब्त भी किया जा रहा है. लेकिन उनका क्या जो वाहनों के साथ पकड़े जाते हैं. हम बात कर रहे हैं वाहन चालकों और खलासियों की.
दुमका जिले के शिकारीपाड़ा, मसानजोर, रानीश्वर थाना क्षेत्रों से बीते दिनो ओवरलोड ट्रकों को जब्त किया गया. सभी जब्त ट्रकों को आगे की कार्यवाही के लिए पारूडीह कैंप में रखा गया है. लेकिन परेशानी जब्त ट्रकों के चालकों और खलासियों को है. इनके लिए किसी भी तरह की व्यवस्था नहीं की है. कड़ाके की ठण्ड में भी यह खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं. कई चालक तो वाहन में तो कई ज़मीन में ही तिरपाल बिछाकर सो रहे हैं. खाने-पीने की भी कोई व्यवस्था इन चालकों और खलासिओं के लिए नहीं की गयी है.
ट्रक चालकों ने बताया कि कड़ाके की ठण्ड में वह खुले जगह पर सोने को मजबूर हैं. किसी तरह की व्यवस्था उनके लिए नहीं हैं. खाने-पीने के समान भी खत्म हो गए है, जिससे परेशानी और ज्यादा बढ़ गयी है. चालक बताते हैं कि पारूडीह कैंप में उन्हें पूछने वाला कोई नहीं है.
बेशक, इन्होंने गलती की है. गलती नियम को तोड़ ओवरलोड वाहन चलाने की. एन 7 इंडिया इनकी गलतियों को बढ़ावा नहीं देता. लेकिन जेल में बंद बंदियों को भी मुलभूत सुविधा दी जाती है. ऐसे में इनके साथ अमानविय व्यवहार क्यों.