पाकुड़ः
पाकुड़ पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. दो साल पहले गायब हुई नाबालिग को पुलिस ने बरामद करने में सफलता पायी है.
साल 2015 में पाकुड़ जिले के महेशपुर थाना के लालचुआं गांव की रहने वाली एक नाबालिग को बहला-फुसलाकर दिल्ली ले जाया गया और उसे वहां बेच दिया गया. उस वक्त पाकुड़िया थाना में दो अभियुक्तों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था. दो अभियुक्त सलोनी मुर्मू और बुद्धिनाथ हेम्ब्रम ने मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था. इस मामले में दोनों अभियुक्त की गिरफ्तारी उसी वक्त हो गयी थी, जो आज भी सलाखों के पिछे बंद हैं. लेकिन बच्ची को बरामद नहीं किया जा सका था.
नाबालिग के पिता ने पाकुड़ एसपी से मिलकर अपनी बच्ची की बरामदगी की गुहार लगायी थी. जिसके बाद पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र प्रसाद वर्णवाल ने पूरे मामले की छानबीन के बाद एसआईटी का गठन किया. छानबीन के बाद टीम ने उत्तरप्रदेश के बदायूं जिला के सहसवान से स्थानीय पुलिस की मदद से छापेमारी कर नाबालिग को मुक्त कराया.
पुलिस नाबालिग से पुछताछ कर रही है कि आखिर दिल्ली से वह उत्तरप्रदेश कैसे पहुंच गयी. पूरी घटना की तहकिकात की जा रही है.