Ranchi: खेतौरी, घटवाल व घटवार को एसटी का दर्जा देने का मुद्दा गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे द्वारा 20 जुलाई 2023 को लोकसभा में रूल 377 के तहत उठाए जाने पर केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने जवाब दिया है।
श्री मुंडा ने सांसद डॉ निशिकांत दुबे को के रजिस्टार जनरल ऑफ इंडिया घटवार को एसटी का दर्जा दिए जाने का पत्र भेजते हुए कहा है कि केंद्र सरकार तथा नेशनल कमिशन आफ शेड्यूल्ड ट्राइब्स झारखंड में खेतौरी, की प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई है। केंद्र सरकार खेतौरी, घटवाल व घटवार को एसटी का दर्जा देने के लिए बिल पारित करने को तैयार है। इसके लिए रजिस्टार जनरल ऑफ इंडिया ने राज्य सरकार से खेतौरी, घटवाल व घटवार को एसटी में शामिल करने के लिए मंतव्य व अनुशंसा मांगी है। केंद्र सरकार ने रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के माध्यम से 13 जनवरी 2014 से लेकर दिसंबर 2021 तक चार बार पत्राचार राज्य सरकार को किया है, लेकिन अब तक राज्य सरकार द्वारा रिपोर्ट नहीं दी गई है।
मंतव्य नहीं आने की वजह से खेतौरी, घटवाल व घटवार को एसटी का दर्जा नहीं मिल पा रहा है। राज्य सरकार में मामला फंसे रहने की वजह से इन समुदाय को उनका हक नहीं मिल पा रहा है।
बता दें कि सांसद डॉ निशिकांत दुबे कई बार खेतौरी, घटवाल व घटवार को एसटी का दर्जा देने के लिए लोकसभा जिसे में मांग उठ चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मिलकर उन्होंने इस समुदाय को एसटी लिए का दर्जा देने की मांग रखी है। सांसद ने उन दस्तावेजों को भी लोकसभा में प्रस्तुत किया है, जिसके आधार पर एसटी का दर्जा दिया जा सके। उनके अनुसार, यह समुदाय आदिवासी से भी पहले संथाल परगना में आए हैं, इन्हें लिपिकीय भूल की वजह से एसटी का दर्जा नहीं मिल पाया है, लेकिन अब राज्य सरकार द्वारा रिपोर्ट नहीं दी जाने की वजह से मामला अटक गया है।