Ranchi: भाजपा विधायक दल की बैठक प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश की अध्यक्षता में रविवार के पार्टी के प्रदेश कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक के बाद पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए विधायक दल के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार ने जो सोमवार को विश्वास मत हासिल करने के लिए एक दिवसीय सत्र आहूत की है, वो समझ से परे है।
समान्यतः सरकार विश्वासमत तब हासिल करती है जब वैसा करने के लिए राज्य के राज्यपाल महोदय या फिर कोर्ट वैसा करने के लिए आदेश करती है लेकिन झारखंड के मामले में ऐसा कुछ भी नहीं है। स्पष्ट है कि सरकार को अपने विधायकों पर ही भरोसा नहीं है।
मरांडी ने कहा कि तभी तो मुख्यमंत्री स्वयं बस के आगे की सीट में बैठकर पहरेदारी करते हुए हवाई अड्डा सभी विधायकों को ले गए। हद तो तब हो गयी जब कानून की धज्जियां उड़ाते हुए बस को हवाई अड्डा के भीतर ले गए।
राज्य के मुख्यमंत्री को अपने ही विधायकों से इतना डर है कि वे कहीं उनका साथ न छोड़ दें, इसलिए उन्हें राज्य में सरकार होने के बावजूद भी छत्तीसगढ़ लेकर चले गए, वहां जिस होटल में इन्हें ठहराया गया है, उसे चारों तरफ से बाड़ लगाकर घेराबंदी कर दी गयी है ताकि कोई उनसे मिल न सके। विधायकों की फ़ोन भी जब्त कर ली गयी है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार में चिड़िया घर मे दो तीन जानवरों को दर्शकों को दिखाने के लिए निकाला जाता है ठीक उसी प्रकार से वहां पर ठहरे विधायकों में से सिर्फ तीन चार विधायकों को ही प्रेस के सामने लाया गया था। वहां पर भी मुख्यमंत्री डर रहे हैं कि कहीं विधायक उनका साथ न छोड़ दे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भाजपा तो मुख्यमंत्री के इस्तीफा की मांग करेगी ही क्योंकि जब मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने अपने नाम पर खदान लीज ले लिया जो आफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला बनता है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पर कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगने के बाद भाजपा विपक्षी दल होने के नाते उनसे इस्तीफा की मांग करेगी। भाजपा कैसे राज्य की सम्पदा को किसी को लूटने की अनुमति दे सकती है।