Medininagar: पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी (Former Minister KN Tripathi) ने गुरुवार को परिसदन भवन में कहा कि सुखाड़ के लिए जो नियम है उसके अनुसार 33 प्रतिशत से कम वर्षा होती है तो सुखाड़ क्षेत्र घोषित होती है। उन्होंने कहा कि राज्य के कई ज़िलो में पानी नहीं है। कई जगह तो धान की रोपनी भी नहीं हुई है। जब धान का बीज बूढ़ा हो गया तब थोड़ी बारिश हुई है। मकई, दलहन और जौ समेत कई फसल पूरी तरह खेतों में सूख गई है।
उन्होंने कहा कि जब वे मंत्री थे तो उनकी रिपोर्ट के आधार पर कई जिलों को सुखाड़ क्षेत्र घोषित किया गया था लेकिन दो महीनों से सुखाड़ होने के बावजूद भी 18 जिलों को सुखाड़ क्षेत्र घोषित नहीं किया गया है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार जल्द से जल्द इन जिलों को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करे। पूर्व मंत्री ने कहा कि पानी और पम्प की व्यवस्था सरकार करे ताकि सुख रही फसलों को बचाया जा सके। दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब तक केंद्र सरकार ने संज्ञान नहीं लिया है।
इस मौके पर भोला पाण्डेय, अरविन्द पासवान, कौशल किशोर दुबे, बुद्धि नारायण तिवारी, कृष्णा तिवारी आदि उपस्थित थे।