Deoghar: इन दिनों साइबर क्राइम जिले में काफी बढ़ गया है। आम जन हो या व्यवसाई सभी को टारगेट कर रहे साइबर क्रिमिनल आसानी से अपने झांसे में ले रहे और हजारों का चुना लगा ठगी कर रहे हैं। ऐसा ही दो वाक़्या देवघर जिले से सामने आया है। पहला वाक़्या ये सवाल उठा रहा कि आखिर साइबर क्रिमिनल को तमाम गतिविधियों की जानकारी कैसे मिल रही कि वो सटीक निशाना लगा ठगी कर जा रहे हैं।
दरअसल, पहला मामला जसीडीह थाना क्षेत्र का है। जहां बाघमारा निवासी ब्रह्मदेव कुमार यादव ने टाटा फाइनेंस कंपनी के जरिये एक वाहन की खरीददारी की थी। ब्रह्मदेव के मोबाइल पर एक अज्ञात नम्बर से कॉल आया और बताया कि वह टाटा फाइनेंस कम्पनी का अधिकारी है। उससे कहा कि पहला जो किश्त आपने जमा किया है वह अपडेट नहीं हुआ है, उसे अपडेट करना पड़ेगा। क्योंकि ब्रह्मदेव ने टाटा फाइनेंस से गाड़ी खरीदा था इसलिए वो निश्चिंत होकर कॉलर के झांसे में आ गया। कॉलर ने पहले एनिडेस्क एप डाउन लोड कराया। उसके बाद उससे सारी जानकारी ले ली। कुछ देर बाद उसे पता चला कि उसके खाते से 15 हजार रुपये की अवैध निकासी कर ली गई है।
अब सवाल उठना लाजमी है कि आखिर वाहन कौन से कंपनी और कितने किश्त पर ली गयी है और कौन से मोबाइल नंबर से टैग है। इन सब बातों की जानकारी साइबर ठगों को कैसे हो जाती है।
वहीं, दूसरा मामला देवीपुर थाना क्षेत्र के एक सीएसपी संचालक का है। सीएसपी संचालक गजाधर सिंह के खाता से बिना फिंगरप्रिंट लगाये ही 8 हजार 610 रुपये की अवैध निकासी कर ली गई है। पुलिस दोनों मामले की छानबीन में जुटी है।