Ranchi/Giridih: झारखंड में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी (Banned Naxalite organization CPI Maoist in Jharkhand) की ओर से घोषित प्रतिरोध दिवस के दूसरे दिन शनिवार की रात दस्ते के सदस्यों ने गिरिडीह जिले में फिर उत्पात मचाया है। नक्सलियों ने मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के सिंदवरिया पंचायत के बरागढहा बराकर नदी पर स्थित पुल पर ब्लास्ट कर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना को रात लगभग 2:30 बजे अंजाम दिया गया।
इस पुल के निर्माण की आधारशिला 26 जनवरी 2018 को रखी गयी थी। फिलहाल इस पर आवागमन प्रारंभ हो गया था।
उल्लेखनीय है कि इसके पहले शुक्रवार की रात नक्सलियों ने दअलग-अलग घटनाओं को अंजाम देते हुए पीरटांड़ थाना क्षेत्र के खुखरा और मधुबन थाना क्षेत्र के मधुबन में मोबाइल टॉवर को उड़ा दिया था। इसमें करोड़ों रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया था। रविवार की सुबह इस तीसरी घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस की टीमें मौके पर पहुंची। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। घटनास्थल से नक्सलियों के पर्चे बरामद किए गए हैं। इसमें नक्सली नेता किशन दा की बिना शर्त रिहाई की मांग की गई है। इसके अलावा बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की मांग भी की गई है।
प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी ने 27 जनवरी को झारखंड और बिहार में एक दिवसीय बंद का आह्वान किया है। गिरीडीह जिला के पीरटांड़ इलाके में बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी ने पर्चा जारी किया था। पर्चे में भाकपा माओवादी के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो कमेटी के सचिव और एक करोड़ के इनामी प्रशांत बोस उर्फ किशन दा और उनकी पत्नी शीला मरांडी को जल्द बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की मांग की। इसके लिए 21 जनवरी से 26 जनवरी तक प्रतिरोध दिवस मनाने का निर्णय लिया गया । इसके बाद से ही नक्सली अलग-अलग घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।