रांची: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने झारखंड सरकार को JPSC की सातवीं सिविल परीक्षा से पहले नोटिस जारी किया है। सोमवार को जेपीएससी कट ऑफ डेट मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह नोटिस जारी किया है। सरकार को 21 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।
जस्टिस एमआर शाह व जस्टिस ए एस बोपन्ना की अदालत ने सरकार से पूछा है कि जब पांच साल बाद परीक्षा हो रही है, तो क्या वह अभ्यर्थियों को उम्र सीमा में एक बार छूट दे सकती है?
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली विशेष अनुमति याचिका में सुनवाई हुई, जिसमें सरकार के उम्र सीमा निर्धारण को सही बताया गया है। हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ चार से अधिक अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सुनवाई के दौरान अदालत ने नोटिस जारी करते हुए झारखण्ड सरकार को 21 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। उसी दिन इसकी अगली सुनवाई भी होनी है। जबकि सातवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा 19 सितंबर को प्रस्तावित है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रार्थी रीना कुमारी ,अमित कुमार सहित अन्य की याचिका पर पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने नियमावली बनाने से पूर्व के पदों को भी नए विज्ञापन में शामिल कर लिया है। नए विज्ञापन में उम्र सीमा का निर्धारण नए तरीके से लागू है। सरकार ने एक आधिकारिक आदेश जारी कर नियमों को बदला है। आधिकारिक आदेश से नियमों के प्रावधानों को नहीं बदला जा सकता है। जेपीएससी 21 सालों में सिर्फ छह परीक्षाएं ही ले पाया है। इस परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को काफी उम्मीदें थी जो पूरी नहीं हो रहा है। इस पर कोर्ट ने मौखिक कहा कि हम आपकी परेशानी समझ रहे हैं, लेकिन निर्धारण सरकार का निर्णय है।
बता दें कि जेपीएससी परीक्षा 2021 में उम्र की सीमा निर्धारण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई है। प्रार्थियों की ओर से दाखिल एसएलपी में झारखंड हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है। जिसमें अदालत ने राज्य सरकार की ओर से उम्र के निर्धारण को सही माना था। जबकि प्रार्थियों का कहना है कि नियमानुसार जेपीएससी को हर साल परीक्षा आयोजित करनी थी। पूर्व में जेपीएससी की ओर से निकाले गए विज्ञापन में उम्र का निर्धारण वर्ष 2011 रखा गया था। लेकिन इसे वापस लेते हुए दोबारा संशोधित विज्ञापन जारी किया गया। जिसमें उम्र के निर्धारण वर्ष 2016 कर दिया गया। 5 वर्ष उम्र अधिक होने की वजह से हजारों अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे हैं।