जेनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस के डेल्टा वेरियंट(Delta Varient) पर चिंता जताते हुए कहा है कि मास्क के साथ ही शारीरिक दूरी अब भी जरूरी है। डेल्टा वेरियंट को लेकर लापरवाही बरतने पर हालात बिगड़ सकते हैं जिसके बाद लॉकडाउन करना पड़ता है। कोविड-19 वायरस का डेल्टा वेरियंट 92 से ज्यादा देशों में फैल चुका है। दो डोज वैक्सीन लेने के बाद भी अपने को पूरी तरह से सुरक्षित नहीं समझ सकते। आपको अन्य सावधानियां भी रखनी होंगी।
WHO की रूस में प्रतिनिधि मेलिटा वजनोविक ने बढ़ते संक्रमण पर चेतावनी जारी करते हुए कहा कि रूस में एक दिन में 20 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं।
ब्रिटेन में फरवरी के बाद सबसे ज्यादा 18270 कोरोना मरीज एक दिन में मिले हैं। यहां डेल्टा वेरिएंट ने तेजी से मरीजों की संख्या बढ़ा दी है।
कोरोना का Delta Varient दक्षिण अफ्रीका के आर्थिक हब गाउतेंग प्रांत संक्रमण के रोज बढ़ रहे मामलों के लिए जिम्मेदार हो सकता है। यह वेरियंट भारत सहित कम से कम 85 देशों में पाया गया है।
विट्स विश्वविद्यालय में टीके एवं संक्रामक रोग विश्लेषणात्मक अनुसंधान ईकाई के निदेशक शबीर माधी का कहना है कि डेल्टा वेरियंट बीटा के मुकाबले 60 फीसद अधिक संक्रामक है। कोरोना का बीटा वेरियंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था।