
New Delhi: भारतीय रेलवे (Indian Railway) अब जनरल टिकटों (general stamps) की बिक्री आउटसोर्स के जरिए यानी प्राइवेट कर्मचारियों के माध्यम से करेगा। जिसके तहत पूर्वोत्तर रेलवे ने जंक्शन पर भी स्टेशन टिकट बुकिंग एजेंट (Station Ticket Booking Agent) रखने की शुरूआत कर दी है। खाली हो रहे पदों को सरेंडर कर अब रेलवे आउटसोर्ट के माध्यम से कई काम कराएगा। इसमें जनरल टिकटों की बिक्री भी शामिल है। ऐसे में अब जनरल टिकटों की बुकिंग के लिए जंक्शन पर स्टेशन टिकट बुकिंग एजेंट तैनात होंगे। जंक्शन के टिकट काउंटर भी अब निजी हाथों में होंगे। हाल्ट और छोटे स्टेशनों की तरह जंक्शनों पर भी प्राइवेट कर्मचारी कमीशन के आधार पर रेलवे के जनरल टिकटों की बिक्री करेंगे।

इस नई व्यवस्था में एनएसजी- 5 और एनएसजी-6 (नान सबअर्बन ग्रुप) के स्टेशन और जंक्शन शामिल होंगे। पूर्वोत्तर रेलवे में बोर्ड के फैसले को अमल में लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वाराणसी मंडल प्रशासन ने एनएसजी – 5 व 6 श्रेणी के 31 स्टेशनों व जंक्शनों पर 41 एसटीबीए रखने का टेंडर भी निकाल दिया गया है। इसी तरह लखनऊ मंडल प्रशासन ने भी एनएसजी 5 श्रेणी के स्टेशनों पर एसटीबीए रखने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन स्टेशनों पर तीन वर्ष के लिए एसटीबीए रखे जाएंगे।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार के अनुसार, यात्रियों को समय से अनारक्षित रेल टिकटों की बिक्री के लिए एनएसजी -5 एवं 6 श्रेणी के स्टेशनों पर स्टेशन टिकट बुकिंग एजेंट रखने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इससे यात्रियों को सहूलियत मिलेगी।
दरअसल मानव संसाधन के नाम पर रेलवे के खर्चे में कटौती भी की है। जानकारी के मुताबिक भारतीय रेलवे के कुल खर्च का 67 प्रतिशत मानव संसाधन पर जाता है। रेलवे बोर्ड अध्यक्ष के अनुसार खचरें में कमी लाने के लिए रेलवे प्रशासन कम कार्य वाले पदों पर तैनात कर्मियों को दूसरे कार्यस्थलों पर समायोजित करेगा और खाली हो रहे पदों को सरेंडर कर आवश्यक कार्य आउटसोर्स से पूरे कराए।