नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह(Defence Minister Rajnath Singh) ने गुरुवार को नई दिल्ली में एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) संचालित शिकायत प्रबंधन एप्लिकेशन लॉन्च(Complaint Management Application) किया, जिसे रक्षा मंत्रालय(Defence Ministry) ने IIT, कानपुर की मदद से विकसित किया है। इस एप्लिकेशन से समय की बचत होने के साथ ही लोगों की शिकायतों का पारदर्शी और प्रभावी तरीके से निदान करने में मदद मिलेगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(Artificial Inrelligence), डेटा साइंस(Data Science) और मशीन लर्निंग तकनीकों का उपयोग करके शिकायतों का निपटारा करने के लिए सरकार की ओर से पहली बार इस तरह की पहल की गई है।
सरकार के पास आने वाली शिकायतों का पारदर्शी और प्रभावी तरीके से निदान करने के लिए विकसित की गई यह पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित एप्लिकेशन है। इस एआई टूल में खुद ही शिकायत की गंभीरता समझने की क्षमता है। नतीजतन, यह स्वचालित रूप से शिकायतों या स्पैम की पहचान कर सकता है। गंभीरता के आधार पर यह शिकायतों को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत भी कर सकता है। दरअसल रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) पोर्टल पर लाखों शिकायतें प्राप्त होती हैं। इस एप्लिकेशन के माध्यम से शिकायतों की प्रकृति समझने में आसानी होगी। साथ ही इन शिकायतों को दूर करने के लिए प्रणालीगत सुधार पेश किए जा सकते हैं।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार की तरफ से यह पहल नागरिक केंद्रित सुधार का प्रयास है जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर लोगों को सशक्त बनाना है। उन्होंने डीएआरपीजी की सराहना करते हुए कहा कि लोगों की शिकायतों का समाधान करना अपने आप में एक महान सेवा है। उन्होंने कहा कि आईआईटी, कानपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान के सहयोग से विकसित यह प्रणाली लोगों की शिकायतों को पारदर्शी और प्रभावी तरीके से हल करेगी। रक्षा मंत्री को बताया गया कि यह एआई-पावर्ड एप्लिकेशन लोगों की शिकायतों का स्वचालित रूप से विश्लेषण करेगी। साथ ही मानवीय हस्तक्षेप को कम करके समय बचाने और उनके निपटान में अधिक पारदर्शिता लाएगी।
इस एआई-पावर्ड एप्लिकेशन को विकसित करने के लिए 04 अगस्त, 2020 को रक्षा विभाग, रक्षा मंत्रालय, डीएआरपीजी और आईआईटी, कानपुर के बीच त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस एप्लिकेशन को जारी करना शासन और प्रशासन में एआई-आधारित नवाचारों की शुरुआत का प्रतीक है। रक्षा मंत्रालय में इस परियोजना की सफलता अन्य मंत्रालयों में इसके विस्तार का मार्ग प्रशस्त करेगी। वेब-आधारित एप्लिकेशन को विकसित करने में डीएआरपीजी और आईआईटी, कानपुर की टीम में प्रोफेसर शलभ, निशीथ श्रीवास्तव और पीयूष राय शामिल हैं।
इस अवसर पर कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, डीएआरपीजी के अतिरिक्त सचिव वी. श्रीनिवास, रक्षा मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव निवेदिता शुक्ला वर्मा, निदेशक, आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।