Ranchi: देवघर में जमीन खरीद मामले में सांसद निशिकांत दुबे (MP Nishikant Dubey) को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम (Anamika Goutam) द्वारा देवघर में जमीन खरीद के मामले में झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) के फैसले को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दी है। झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार ने एसएलपी दायर की थी। इसे सोमवार को खारिज कर दिया गया।
इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच में हुई। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की तरफ से वरीय अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सरकार का पक्ष रखा। जबकि अनामिका गौतम की ओर से वरीय अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के समक्ष पक्ष रखा।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका ख़ारिज करने के बाद सांसद निशिकांत दुबे ने Tweet कर कहा- सत्यमेव जयते। सांसद निशिकांत दुबे ने हेमंत सरकार को कठघरे में भी खड़ा किया है।
सांसद निशिकांत दुबे ने लिखा ” सत्यमेव जयते! आज भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने यह कहा कि राज्य सरकार जानबूझकर मुझे मेरी पत्नी व परिवार को तंग व परेशान करने के लिए झूठे केस में फँसाकर बदनाम कर रही है। मेरी पत्नी के नाम से देवघर के ज़मीन के मामले में सर्वोच्च न्यायालय का यह फ़ैसला आया। हेमंत सोरेन जी द्वारा SIT गठन व उसके रिपोर्ट पर भी टिप्पणी हुई । मेरा या मेरे परिवार का सबकुछ बाबा बैद्यनाथ जी, बासुकिनाथ जी व माता पिता के आशीर्वाद से है । जनता न्याय करेगी।”
क्या है मामला
गौरतलब है कि सांसद और उनकी पत्नी के खिलाफ देवघर जिला प्रशासन ने टाउन थाने में एफआइआर दर्ज करायी थी। कहा था कि एलोकेसी धाम की जमीन कपटपूर्ण तरीके से खरीदा गया है। इस मामले की जांच जारी थी। देवघर डीसी के आदेश के बाद इस जमीन का निबंधन भी रद्द कर दिया गया था। राज्य सरकार ने एसआईटी गठित की थी। इससे पहले झारखंड हाइकोर्ट ने इस केस को ही खारिज कर दिया था। जिसके बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दी है।