नई दिल्ली: माइक्रोब्लॉगिंग साईट ट्विटर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत सहित सभी आरएसएस नेताओं के ट्विटर अकाउंट को फिर से वेरिफाइड कर दिया है। केंद्र के सख्त अल्टीमेटम के बाद ट्विटर ने सभी के अकाउंट पर ब्लू टिक बैज वापिस लगा दिया है। इसके पहले उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के अकाउंट को भी वेरिफाइड कर चूका है।
बता दें कि ट्विटर ने शनिवार को संघ प्रमुख के अलावा अरुण कुमार, सुरेश जोशी और कृष्णगोपाल के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया था. इससे पहले शनिवार को ही उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू (M Veinkaiah Naidu) के निजी अकाउंट से सत्यापन वाला ब्लू टिक हटाया और बाद में इसे बहाल कर दिया. उपराष्ट्रपति सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि ट्विटर पर नायडू का निजी अकाउंट लंबे समय से निष्क्रिय था और ट्विटर अल्गोरिद्म ने ब्लू टिक हटा दिया. इससे पहले अधिकारियों ने बताया था कि ट्विटर सत्यापन पहचान को बहाल करने की प्रक्रिया में है. उपराष्ट्रपति के इस निजी अकाउंट से पिछले साल 23 जुलाई को आखिरी बार पोस्ट की गयी थी.
अधिकारियों ने बताया कि अकाउंट से ब्लू टिक हटने के बारे में शनिवार सुबह पता चलने के बाद ट्विटर से संपर्क किया गया और इसके बाद ब्लू टिक को बहाल कर दिया गया. ट्विटर ने कहा कि यह अकाउंट जुलाई 2020 से निष्क्रिय था और अब उसे सत्यापित करने वाले ब्लू टिक को बहाल कर दिया गया है. उपराष्ट्रपति ट्वीट करने के लिए आधिकारिक अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं.
बढ़ी फ़ॉलोअर्स की संख्या
ब्लू टिक हटाने और फिर लगाने के इस विवाद में मोहन भगवत और वेंकैया नायडू को बड़ा फायदा हुआ है। दोनों नेताओं को फॉलो करने वालों लोगों संख्या में बड़ी वृद्धि हुई है। आरएसएस चीफ मोहन भगवत के ब्लू बैज हटने के बाद जहां 207.9के फ़ॉलोअर्स थे, जबकि ब्लू टिक वापस आने तक यह बढ़ाकर 215.8के हो गया। ठीक उसी तरह उपराष्ट्रपति नायडू के साथ हुआ पहले जहां उनके 1.2 मिलियन फ़ॉलोअर्स थे, वह अब बढ़कर 1.3 मिलियन हो गये।
बता दें मई 2019 से ट्विटर पर मौजूद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत अपने अकाउंट से सिर्फ आरएसएस के ट्विटर हैंडल को फॉलो करते हैं. हालांकि भागवत ने आज तक अपने अकाउंट से एक भी ट्वीट नहीं किया है.
ट्विटर के नियमों के मुताबिक अकाउंट का यूजरनेम बदलने, काफी लंबे समय तक अकाउंट का इस्तेमाल न किए जाने या फिर अधूरा होने की स्थिति में या फिर ब्लू टिक पाने वाले व्यक्ति के उस पद पर बरकरार न रहने या फिर पद को छोड़ देने या फिर ब्लू टिक पाने की योग्यता न होने के चलते किसी भी अकाउंट से ब्लू टिक हटाया जा सकता है.
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