नई दिल्ली।
नीति आयोग सीईओ अमिताभ कांत ने भारतीय रेल में निजीकरण को लेकर गुरुवार को कहा कि, रेलवे की इस पहल से देश में आधुनिक तकनीक पर आधारित ट्रेन चला सकेंगे। देश में पहली बार ऐसा हुआ है जब भारतीय रेल के इन्फ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करके प्राइवेट कंपनी मॉडर्न टेक्नॉलजी वाली ट्रेन चलाएंगी। पैसेंजर ट्रेन के परिचालन में निजी कंपनियों की भागीदारी पर अमिताभ कांत ने आज यह बयान दिया।
प्राइवेट ट्रेन चलाने से बंद नहीं होगा रेलवे, हर किसी को फायदा होगा
यही नहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमिताभ ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत होने वाले फायदों को भी गिनाया. अमिताभ कांत ने कहा कि स्थिति भारतीय रेल के लिए विजय हासिल करने जैसी है. साथ ही यह निवेशकों के लिए भी सुखद है. चूंकि रेलवे के पास यात्रियों की बहुत बड़ी संख्या है इसलिए यात्री व्यवसाय में इंवेस्ट करना उनके लिए लाभदायक होगा.
यात्रियों को रेल सेवा प्रदान करने के लिए 109 गंतव्यों को चिह्नित किया गया है, जिन्हें 151 ट्रेनों की आवश्यकता वाले 12 समूहों में विभाजित किया गया है. इन रूट पर निवेश के लिए उन्हें पारदर्शी प्रतिस्पर्धी बोली लगानी होगी. जिन रूट पर यात्रियों की ट्रैफिक बहुत ज्यादा है उन्हें इनसे अलग रखा गया है और उनके लिए अलग से प्रीमियर पैसेंजर सेवा दी जायेगी.
भारत में प्राइवेट ट्रेन चलाने की कवायद अगस्त महीने में तेज हो गयी थी और भारतीय रेलवे ने प्री अप्लीकेशन कॉन्फ्रेंस भी की थी, जिसमें 23 कंपनियां शामिल हुई थीं. योजना अनुसार भारतीय रेलवे ने 151 आधुनिक रेलगाड़ियों का परिचालन 109 मार्गों करेगी. ये नयी ट्रेनें नेटवर्क पर पहले से चल रही ट्रेनों के अतिरिक्त होंगी. रेलवे नेटवर्क पर यात्री रेलगाड़ियां चलाने के लिए निजी निवेश की यह पहली पहल है. इस परियोजना से लगभग 30 हजार करोड़ रुपये का निजी निवेश प्राप्त होने का अनुमान है. बताया जा रहा है कि देश में प्राइवेट ट्रेनों का परिचालन मार्च 2023 से होगा. इसके लिए टेंडर मार्च 2021 तक फाइनल हो जायेगा.
इन निजी ट्रेनों में इलेक्ट्रॉनिक स्लाइडिंग डोर, सुरक्षा कांच के साथ खिड़कियां, आपातकालीन टॉक-बैक तंत्र, यात्री निगरानी प्रणाली और सूचना एवं गंतव्य बोर्ड होंगे. ये कुछ ऐसी विशेषताएं हैं जो रेलवे ने निजी ऑपरेटरों से इन रेलगाड़ियों के लिए मांग की है. अल्सटॉम ट्रांसपोर्ट इंडिया लिमिटेड, बीईएमएल, भारत फॉर्ग, भेल, बॉमबार्डियर ट्रांसपोर्ट इंजिया, सीएएफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, गेटवे रेल, जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, हिन्द रेक्टिफायर लिमिटेड, आई-बॉन्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, आईआरसीटीसी लिमिटेड, आईएसक्यू एशिया इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों ने प्राइवेट ट्रेन चलाने में रुचि दिखाई है।
अमिताभ कांत ने कहा कि अगले साल के आखिर तक 50 रेलवे स्टेशनो का रिडेवलपमेंट किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हम रेलवे का निजीकरण नहीं कर रहे हैं। निजी कंपनी रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करेगी। उन्होंने कहा कि प्राइवेट बैंक आने के बाद एसबीआई बंद नही हुआ है। इंडिगो, विस्तार आने के बाद एयर इंडिया बंद नही हुआ है। ऐसे ही प्राइवेट ट्रेन आने के बाद भारतीय रेल बंद नही होगी, बल्कि क्षमता और प्रतिस्पर्धा और बढ़ेगा।