नई दिल्ली
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक बैठक शुरू हो चुकी है। ये बैठक चार जून तक चलेगी। माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के कारण बनी अनिश्चितता, लगातार बढ़ रही थोक महंगाई दर और अर्थव्यवस्था की रफ्तार में आए ठहराव को देखते हुए इस बैठक में आरबीआई अहम ब्याज दरों में कोई भी बदलाव नहीं करेगा। मौद्रिक नीति समिति की बैठक में लिये जाने वाले फैसलों का ऐलान 4 तारीख को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास करेंगे।
जानकारों का कहना है कि देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर काबू कमी आने के बावजूद अभी भी अर्थव्यवस्था अनिश्चितताओं के घेरे में है। जिसकी वजह से तमाम एजेंसियां जीडीपी विकास दर को लेकर संशोधित आंकड़े जारी कर रही हैं। ऐसे में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति अहम ब्याज दरों में बदलाव करने से बचने की कोशिश कर सकती है। ऐसे में रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट के मौजूदा स्तर पर ही बने रहने की उम्मीद की जा रही है। इसके पहले मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अप्रैल में हुई बैठक में भी आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। जानकारों का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट से भी इस बात की उम्मीद बनी है की आरबीआई अहम ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने जा रहा है। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि 2021-22 के दौरान मौद्रिक नीति का निर्धारण माइक्रो इकोनॉमिक स्थितियों और महंगाई के हालात पर निर्भर करेगा। थोक महंगाई दर फिलहाल कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। ऐसे में आरबीआई ब्याज दरों के साथ छेड़छाड़ कर महंगाई को और तेजी देने से बचने की कोशिश करेगा।
मनी मार्केट के एक्सपर्ट जयेश सेनगुप्ता का कहना है पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती कीमत और इनपुट कॉस्ट में हो रही बढ़ोतरी के कारण देश में महंगाई बढ़ने का खतरा लगातार बना हुआ है। इसलिए मौद्रिक नीति समिति को ब्याज दरों में बदलाव करने का जोखिम नहीं लेना चाहिए। अगर 4 जून को ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला लिया जाता है, तो ये मौद्रिक नीति समिति की लगातार छठी ऐसी बैठक होगी, जिसने अहम ब्याज दरों को मौजूदा स्तर पर ही बरकरार रखा जाएगा।
जानकारों का कहना है कि इस बार मौद्रिक नीति समिति ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सपोर्ट देने के लिए रूरल क्रेडिट फ्लो को बढ़ाने की योजना पर ध्यान दे सकती है, ताकि कोरोना संक्रमण के कारण प्रभावित हुए ग्रामीण इलाकों की आर्थिक स्थिति को मजबूती दी जा सके।