Begusarai: विषमुक्त सब्जी का उत्पादन कर मनुष्य और मिट्टी के स्वास्थ्य की रक्षा, लाभदायक जीवाणुओं का संरक्षण के उद्देश्य से बिहार सरकार जैविक खेती को लगातार बढ़ावा दे रही है। पर्यावरण एवं जल को प्रदूषण से बचाने के लिए जैविक कोरिडोर के तहत बिहार के 13 जिलों में जैविक खेती पर अगले तीन वर्षों में एक अरब चार करोड़ छत्तीस लाख तीन हजार पांच सौ रुपये खर्च किए जाएंगे।
बिहार सरकार ने राज्य स्कीम के अधीन जैविक कोरिडोर योजना के तहत गंगा किनारे के जिले बेगूसराय, खगड़िया, समस्तीपुर, लखीसराय पटना, बक्सर, भोजपुर, नालंदा, वैशाली, सारण, भागलपुर, मुंगेर एवं कटिहार में जैविक कोरिडोर विकसित कर जैविक खेती का अंगीकरण एवं प्रमाणीकरण कार्यक्रम कार्यान्वित करने का आदेश दिया है। इस 13 जिलों में जैविक खेती के अंगीकरण एवं प्रमाणीकरण योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक तीन वर्षों के लिए एक अरब चार करोड़ छत्तीस लाख तीन हजार पांच सौ रुपये की लागत पर योजना कार्यान्वयन की स्वीकृति तथा चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में 41 करोड़ नौ लाख 22 हजार रुपये की निकासी एवं व्यय की स्वीकृति दी है।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार योजना का प्रमुख उद्देश्य राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देना, पर्यावरण एवं जल को प्रदूषण से बचाना, विषमुक्त सब्जी का उत्पादन कराना, मिट्टी के स्वास्थ्य की रक्षा एवं मिट्टी में उपलब्ध लाभदायक जीवाणुओं का संरक्षण करना तथा खेती को दीर्घकालीन एवं टिकाऊ बनाना है। इससे किसान की लागत मूल्य में कमी आएगी तथा उनके उत्पाद का अधिक मूल्य मिल सकेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
इस योजना में किसानों और उत्पादकों का समूह बनाकर राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम के अनुसार जैविक खेती के लिए निर्धारित पैकेज के अनुसार सहायता देकर अंगीकरण करा प्रमाणीकरण किया जाएगा।
जैविक खेती के अंगीकरण का कार्यान्वयन संबंधित जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा किया जाएगा। चयनित जिलों के चयनित समूह एवं कलस्टर में प्रथम वर्ष में सब्जी की जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा। पुरानी योजना की सफलता को देखते हुए सब्जी के अलावा अन्य फसलों को भी योजना से आच्छादित किया गया है। स्वीकृत जैविक कोरिडोर योजना के तहत जैविक खेती का अंगीकरण एवं प्रमाणीकरण कार्यक्रम का कार्यान्वयन तीन वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक किया जाना है।
जिसमें पूर्व के तीन वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक किसानों के जिन प्लॉटों, क्षेत्रों, पंचायतों में जैविक कोरिडोर, नमामि गंगे या परम्परागत कृषि विकास योजना से लाभांवित किया गया है, उन्हें इस योजना से नहीं जोड़ा जाएगा। इसमें 2022-23 में जिन किसानों के प्लॉट और क्षेत्रों पर अंगीकरण एवं प्रमाणीकरण का कार्य किया जाएगा, उन्हीं प्लॉटों और क्षेत्रों में अगले दो वर्षों में योजना का कार्यान्वयन किया जाएगा। चयनित किसानों को तीन वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक के लिए अंगीकरण सूची के अनुसार प्रथम वर्ष अग्रिम अनुदान 11 हजार पांच सौ रुपये प्रति एकड़ सहायता दी जाएगी।
2022-23 में सी-वन सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाले किसानों को ही द्वितीय वर्ष की राशि 65 सौ रुपये प्रति एकड़ एवं 2023-24 में सी-टू सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाले किसानों को तीसरे वर्ष के लिए 65 सौ रुपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जाएगा। पूर्व में संचालित योजना में कलस्टर का न्यूनतम रकवा 25 एकड़ एवं किसानों की संख्या न्यूनतम 25 थी। जबकि नई योजना में एक कलस्टर का न्यूनतम रकवा एक सौ एकड़ का होगा तथा कम से कम एक सौ किसान सम्मिलित होंगे। इस योजना के तहत जैविक खेती करने वाले समूह एवं किसान द्वारा यदि जैविक खेती का कार्य तीन वर्ष पूरा होने के पहले छोड़ देंगे तो उन किसानों को कृषि विभाग के पोर्टल पर शेष अवधि के लिए काली सूची में डाल दिया जाएगा। इन्हें कृषि विभाग के अन्य योजनाओं का लाभ लेने से भी वंचित कर दिया जाएगा। एक किसान को अधिकतम 2.5 एकड़ का लाभ दिया जाएगा।
कार्यक्रम के शुरुआत में किसानों को मिट्टी का जांच कराना अनिवार्य होगा। जैविक कोरिडोर क्षेत्र में आने वाले एफपीओ एवं जीविका के किसान भी जैविक कोरिडोर योजना के कलस्टर में शामिल होकर योजना का लाभ ले सकेंगे। उन्हें अनुदान प्राप्त करने के लिए बिहार स्टेट सीड एण्ड ऑरगेनिक सर्टिफिकेशन एजेंसी में निबंधन कराना अनिवार्य होगा। जैविक उत्पाद की बिक्री के लिए स्थानीय स्तर पर बाजार की पहचान एवं जैविक उत्पाद के उपयोग के लिए सर्वे किया जाएगा। जिसके आधार पर बाजार एवं जैविक उत्पाद उपयोगकर्ताओं की पहचान की जाएगी।क्लीनिंग, सॉर्टिंग, ग्रेडिंग, पैकेजिंग के लिए कलस्टर स्तर पर सामान्य सुविधा केंद्र की स्थापना की जाएगी। जैविक उत्पाद का परिवहन के लिए वाहन की खरीद भी किया जाएगा। बिहार राज्य जैविक मिशन जैविक खेती से संबंधित युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्टअप सपोर्ट एवं इनोवेशन पॉलिसी बनेगा।