Patna: समाज सुधार अभियान यात्रा के तहत शनिवार को पूर्णिया पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने जीविका दीदियों को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं के आग्रह पर शराबबंदी लागू की। कर्पूरी ठाकुर ने भी लागू की थी लेकिन दो साल में हटा दिया गया था। दीदियों ने जिस तरह अपनी बातें रखी, अपनी कठिनाइयों को बताया और वर्तमान स्थिति को बयां किया, वह सराहनीय है। कोरोना के कारण अभियान में ब्रेक आया था।
सीएम ने कहा कि जहरीली शराब कांड पर तत्काल राज्यस्तरीय बैठक हुई और फिर अभियान को तेज किया गया। अभियान निरंतर चलता रहेगा। इसमें हर एक व्यक्ति तक संदेश पहुंचाया जाएगा। गांधी जी स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी शराबबंदी को लेकर अभियान चलाया था। गांधी ने कहा था कि शराब इंसान को हैवान बना देता है। शराब पैसा ही नहीं छिनता बुद्धि भी हर लेता है। बच्चे-बच्चे को जागरूक करना है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि एक साल के अंदर शराब के कारण तीस लाख लोगों की मौत होती है, जिसमें 20 से 39 साल के लोगों के मौत सर्वाधिक हो रही है। शराब के हिमायतदारों का विरोध होना चाहिए।
सीएम ने कहा कि वर्ष 2005 से आपकी सेवा कर रहे हैं। शाम के बाद घर से निकलना मुश्किल था। बच्चियां नहीं पढ पाती थी। विकास हुआ, कानून का राज हुआ। लड़कियों की शिक्षा के लिए कार्य हुआ है। पोशाक, साइकिल योजना,लागू की। महिलाओं के लिए कार्य किया है। पंचायत में आरक्षण दिया। सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया। स्वयं सहायता समूह के जरिये महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य किया। जीविका समूहों को कार्य दिया जा रहा है। सडक, बिजली,पुल पुलिया मेंटेंनेस की व्यवस्था हो रही है। पुलिस विभाग में पैंतीस फीसदी महिलाएं हैं। यह और कहीं नहीं है। इंजीनियरिंग कालेज मेडिकल कालेज में सीट आरक्षित कर लडकियों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। बाल विवाह व दहेज प्रथा के खिलाफ कार्य किया जा रहा है।
नीतीश ने कोरोना को लेकर स्थिति अब नियंत्रित है। जल्द मुक्ति भी मिलेगी। अब पाबंदी नहीं है। रविवार को समाज सुधार अभियान का समापन है लेकिन वास्तविक में अब इसे गति देने का समय है। वर्ष 2015 में पटना में आयोजित जीविका दीदी के कार्यक्रम में महिलाओं के आग्रह पर मैंने घोषणा की थी शराब बंदी की। वर्ष 2016 में यह कानून लागू हुआ। काफी मंथन के बाद कानून लागू किया। प्रथम चरण में बडे शहर को इससे अलग रखा गया था लेकिन महिलाओं के विरोध के चलते बडे शहर में भी बंद करना पडा।