पटना
बिहार में मुकदमों का चक्कर झेल रहे लोगों को अभी और इंतजार करना होगा। इस वक्त किसी प्रकार की राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के बीच इससे बचाव के लिए बिहार के सभी जिला न्यायालयों को फिलहाल बंद रखने की तिथि आगे बढ़ा दी गई है। इस दौरान न्यायालयों में रिमांड के अलावा अन्य कोई कार्य नहीं होगा। कोर्ट में ग्रीष्मावकाश का समय भी शुरू हो गया है और पटना हाई कोर्ट ने तो बकायदा ग्रीष्मावकाश के लिए तारीखों का भी एलान कर दिया है। अगर जिला न्यायालयों में भी ग्रीष्मावकाश की तिथि घोषित कर दी जाती है तो लंबित मुकदमों की सुनवाई और आगे तो बढ़ ही जाएगी, जमानत की आस लगाए लोगों को भी इंतजार करना पड़ेगा।
29 मई तक बंद रहेंगे बिहार के सभी जिला न्यायालय
कोरोना महामारी के कारण पिछले साल अप्रैल से ही कोर्ट का काम लगातार प्रभावित हुआ है। बीच में कुछ दिनों न्यायालयों में कामकाज थोड़ा सामान्य जरूर हुआ, लेकिन पहले जैसी तेजी नहीं रही। न्यायालयों में काम करने वाले वकील लगातार बेकार बैठे हुए हैं। इससे उनकी आर्थिक सेहत पर असर पड़ रहा है। पटना उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने बिहार के सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को पटना उच्च न्यायालय द्वारा 16 मई को दिए गए आदेश का पालन 29 मई तक करने का निर्देश दिया है। इस आशय का पत्र पटना उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल नवनीत कुमार पांडे ने शनिवार को जारी किया है।
पत्र में कहा गया है कि बिहार के सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीश पटना उच्च न्यायालय द्वारा अब 29 मई तक बंद रहेंगे। पूर्व में पटना उच्च न्यायालय ने कोर्ट को 22 मई तक बंद रखने का आदेश दिया था। कोर्ट बंदी के दौरान सिर्फ रिमांड संबंधी ही कार्य करने का निर्देश दिया गया है।