पटना।
कोरोना महामारी की वजह से राज्यों में बंद किए गए स्कूलों को अब धीरे-धीरे खोलने का फैसला लिया गया है। कई राज्यों में स्कूल खुल चुके हैं, जहां मिडिल-हाईस्कूल को खोलने के बाद अब प्राइमरी स्कूलों को भी खोलने पर विचार किया जा रहा है।
इसी क्रम में बिहार सरकार ने एक मार्च से कक्षा एक से लेकर पांच तक के बच्चों के लिए शर्तों के साथ स्कूल आने की अनुमति दे दी है। इस शर्त के तहत कोरोना के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य होगा, जिसके मुताबिक 50 फीसदी बच्चे ही क्लास रूम में मौजूद रह सकेंगे।
राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने निर्देश देते हुए कहा है कि राज्य के सभी स्कूलों में कोरोना दिशा-निर्देश का पालन करते हुए 50 फीसदी बच्चों की उपस्थिति ही अनिवार्य होगी जबकि सभी शिक्षकों को स्कूल आना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही सभी स्कूलों को पूरी तरह से सैनिटाइज कराने के बाद ही कक्षा संचालित करने का निर्देश दिया गया है।
जारी किए गए गाइडलाइन के मुताबिक सभी बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए 6-6 फिट की दूरी पर बैठना अनिवार्य होगा और सभी बच्चों को स्कूल की ओर से ही 2 -2 मास्क उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार का ये आदेश सभी निजी और सरकारी विद्यालयों के लिए लागू किया गया है।
बता दें कि पहले से ही 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खुल चुके हैं। स्कूलों को खोलने का आदेश सरकार ने चार जनवरी को दिया था। इसी प्रकार आठ फरवरी से छठी से आठवीं तक की कक्षाओं को खोल दिया गया था।
कोरोना महामारी के चलते प्रभावित हुए बच्चे को राज्य सरकार ने बिना परीक्षा के ही प्रमोट करने का फैसला लिया है और इनमें कक्षा एक से कक्षा आठ तक के बच्चे शामिल हैं।