Kanpur: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) मंगलवार को कानपुर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के 54वें दीक्षांत समारोह में शामिल होंगे। इसको देखते हुए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। इसके साथ ही कोरोना को देखते हुए आईआईटी ने खास इंतजाम करते हुए प्रधानमंत्री सहित उपस्थित सभी प्रमुख लोगों के लिए बायो-बबल (bio-bubble) की व्यवस्था की है। बायो-बबल सुरक्षा चक्र में संक्रमित होने की आशंका कम रहती है।
आईआईटी प्रबंधन हाइब्रिड मोड में आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह से पहले उपस्थित लोगों की सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरत रहा है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे। आईआईटी कानपुर के उप निदेशक प्रो. एस. गणेश ने कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करें। इसलिए, कोरोना महामारी के लगातार बदलते परिदृश्य को देखते हुए, हम परिसर के अंदर अतिरिक्त एहतियात बरत रहे हैं। शारीरिक रूप से कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी लोगों के स्वास्थ्य की जांच के लिए पहले परीक्षण किए जाने हैं। यह सभी उपस्थित लोगों के लिए अत्यंत सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है ताकि इस अवसर की खुशी में बाधा न आए।
उन्होंने बताया कि बायो-बबल एक अवधारणा है जिसे हाल ही में खेल के क्षेत्र में विकसित किया गया है। विशेष रूप से क्रिकेट में जहां एक जैव-सुरक्षित वातावरण बनाया जाता है ताकि कोरोना वायरस से प्रदूषण के जोखिम को कम किया जा सके। यद्यपि यह अवधारणा अब कई क्षेत्रों में भी प्रचलित हो गई है। यह संभवत: पहली बार है कि किसी उच्च शिक्षण संस्थान ने अपने दीक्षांत समारोह के लिए इस तरह के प्रबंध किए हैं।
आईआईटी ने पिछले वर्ष कोरोना को देखते हुए आभासी मंच पर दीक्षांत समारोह आयोजित किया था और इस वर्ष हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जा रहा है। संस्थान ने दीक्षांत समारोह से एक दिन पहले सभी उपस्थित लोगों के आरटी-पीसीआर टेस्ट करने की व्यवस्था की है। कार्यक्रम स्थल के लिए गेट खोलने से पहले दीक्षांत समारोह के दिन एक बार फिर से रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) भी होगा।
उप निदेशक प्रो. गणेश ने बताया कि दीक्षांत समारोह के अवसर पर कुल 1723 छात्र-छात्राएं डिग्रियां प्राप्त करेंगे और 80 पुरस्कार एवं मेडल प्रदान किए जाएंगे। दीक्षांत समारोह के दूसरे सत्र में 21 छात्रों को उत्कृष्ट पीएचडी थीसिस पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा तीन प्रतिष्ठित व्यक्तियों- प्रो. रोहिणी एम. गोडबोले, सेनापति ‘क्रिस’ गोपालकृष्णन और अजय चक्रवर्ती को डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी जाएगी।