नई दिल्ली।
देश में UPI ट्रांजैक्शन पर चार्ज लगने के सम्बन्ध में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बयान जारी कर सफाई दी है। NPCI ने कहा है कि 1 जनवरी 2021 से UPI ट्रांजैक्शन पर चार्ज की खबर गलत है। इसके साथ उसने सभी लोगों से ऐसी गलत जानकारी का शिकार नहीं होने का भी अनुरोध किया है। NPCI ने सभी ग्राहकों से ऐसी कहानियों में भरोसा नहीं करने और बना किसी रूकावट और आसान यूपीआई ट्रांजैक्शन को जारी रखने की अपील की है।
UPI से जुड़ा नियम बदलने की थीं खबरें
इसस पहले ऐसी रिपोर्ट्स थीं कि आज से UPI से जुड़ा एक नियम बदल रहा है। रिपोर्ट्स थीं कि NPCI ने UPI में प्रोसेस्ड ट्रांजेक्शन के कुल वॉल्यूम पर 30 फीसदी की सीमा लगाई है जो सभी थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स (TPAPs) के लिए लागू है। यह नियम 1 जनवरी 2021 से लागू होगा। 30 फीसदी की सीमा को पिछले तीन महीने के दौरान UPI में प्रोसेस्ड ट्रांजैक्शन के कुल वॉल्यूम के आधार पर कैलकुलेट किया जाएगा। जिसे NPCI ने गलत करार दिया है।
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क्या है UPI?
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) यूजर्स को पैसे ट्रांसफर, बिजली, मोबाइल फोन, ब्रॉडबैंड आदि के बिल का भुगतान करने की सुविधा देता है। इसके अलावा यूजर्स इससे इंश्योरेंस पॉलिसी को खरीद और रिन्यू करा सकते हैं, रिलीफ फंड में डोनेशन दे सकते हैं, मोबाइल फोन, डीटीएच कनेक्शन और मेट्रो कार्ड रिचार्ज कर सकते हैं। UPI के जरिए यूजर्स मूवी, बस और ट्रेन की टिकट बुक करा सकते हैं. इसके अलावा UPI के इस्तेमाल से ग्राहक रेस्टोरेंट, किराना स्टोर्स और दूसरी दुकानों पर बिल का भुगतान भी कर सकते हैं।
UPI से यूजर्स किसी भी समय रियल टाइम बेसिस पर पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। इसमें वे एक से ज्यादा बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं और एक बैंक अकाउंट की जानकारी दूसरी पार्टी को बताने की जरूरत नहीं होती है।