नई दिल्ली: गोड्डा लोकसभा से बीजेपी सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने कांग्रेस सांसद और आईटी मामलों पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष पद से शशि थरूर को हटाने और संसद की सदस्यता समाप्त करने की मांग की है। सांसद डॉ निशिकांत दुबे द्वारा संविधान की दसवीं अनुसूची के प्रावधानों के तहत सदस्यता खत्म करने की मांग की गई है । स्पीकर को चिट्ठी लिखकर निशिकांत दुबे ने यह मांग उठाई है।
सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है कि शशि थरूर ने संसद और भारत सरकार की छवि को धूमिल किया है। निशिकांत दुबे के मुताबिक शशि थरूर ने कोरोना को भारतीय वैरिएंट का नाम दिया जबकि खुद डब्ल्यूएचओ इसे B.1.617 कहता है। उन्होंने कहा कि यह समझ के परे कि एक भारतीय सांसद ऐसे अवैज्ञानिक और भारतीयों के प्रति अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल कैसे कर सकता है। भारत सरकार सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लिख चुकी है कि इंडियन वैरिएंट शब्द को हटा दिया जाए, इसके बावजूद थरूर ने इसका इस्तेमाल किया।
निशिकांत दुबे ने आगे कहा कि वैसे तो स्टैंडिंग कमेटी संसद का विस्तार होती हैं, लेकिन कांग्रेस नेता थरूर ने इस समिति को कांग्रेस पार्टी का विस्तार बना दिया है। वे देश के एजेंडे के बजाए पार्टी और राहुल गांधी के एजेंडे के प्रति अधिक चिंतित हैं।
निशिकांत दुबे ने कहा है कि टूलकिट विवाद में आईटी मंत्रालय से सफाई मांग रहे हैं जबकि ट्विटर की कार्रवाई देश के खिलाफ है। यह मामला जांच एजेंसियों के पास है और आईटी समिति न तो सरकार की कार्रवाई को प्रभावित कर सकती है और न ही सरकार के रोजमर्रा के काम को प्रभावित कर सकती है।
निशिकांत दुबे ने आगे कहा कि थरूर अपनी पार्टी और विदेशों में बैठे गॉड फादर के कहने पर ट्विटर को सरकार के खिलाफ कार्रवाई में मदद कर रहे हैं। इस मामले में विदेशी रिश्तों की भी जांच होनी चाहिए। शशि थरूर अपने हाल के ट्वीटस के जरिए जिम्मेदार व्यवहार की सारी सीमाओं को पार कर चुके हैं। यह एक तरह से दुश्मन देशों की मदद करना है। इसी कारण उनकी लोक सभा सदस्यता तुरंत खत्म कर दी जानी चाहिए।