►जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर के बचत खाते से प्रभार के 165 दिन में 55.04 लाख की अवैध निकासी, प्राथमिकी दर्ज कराए हो गया 176 दिन।
►18 फरवरी 2019 से 31 मई 2019 एवं 10 जनवरी 2020 से 12 मार्च 2020 तक आरडीडीई संथाल परगना देवघर डीईओ के प्रभार में थे।
►डीईओ के बचत खाता संख्या 11240650191 से 23.40 लाख व 31.64 लाख की अवैध निकासी।
►23.40 लाख की अवैध निकासी का मामला सामने आने के बाद 4 जून 2020 को नगर थाने में दर्ज कराई गई थी प्राथमिकी।
►एक आरोपित लिपिक सोनू कुमार झा जेल में, दूसरे आरोपी लिपिक पंकज श्रीवास्तव अब भी फरार, पुलिसिया कार्रवाई सुस्त
► विभागीय पदाधिकारी जुटे हैं लीपापोती में राज्य स्तरीय जांच टीम जांच की खानापूर्ति कर लौट गयी है रांची।
►जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर कार्यालय के कई कर्मचारियों का क्रियाकलाप संदिग्ध, फिर भी पदाधिकारी नहीं कर रहे कार्रवाई।
देवघर।
कहते हैं अगर किसी व्यक्ति के पॉकेट से पैसा गुम हो जाए तो उनकी रातों की नींद हराम हो जाती है। बेचैनी में वे दिन भर सही तरीके से काम काज नहीं कर पाते हैं। लेकिन, जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर की बचत खाता संख्या 11240650191 से कुल 55.04 लाख (23.40 लाख व 31.64 लाख) की अवैध निकासी 165 दिन में हो गयी है। नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराएं 176 दिन बीत गए हैं। लेकिन, रिकवरी अब तक सिर्फ 16.10 लाख रुपया ही हो पाया है।
क्या है मामला
पूरा वारदात तब हुआ, जब जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर डॉ. माधुरी कुमारी अवकाश में थी। जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर के प्रभार में संताल परगना दुमका के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक राजकुमार प्रसाद सिंह थे। लेकिन विभाग के आला अधिकारी से लेकर पदाधिकारी तक के चेहरे पर शिकन तक नहीं है। तभी तो इतने बड़े राशि की अवैध निकासी मामले में कार्यालय के दो लिपिक सोनू कुमार झा व लिपिक पंकज श्रीवास्तव को आरोपित बनाकर नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करा कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लिया गया है।
एक्शन एवं पैसों की रिकवरी के नाम पर चुप्पी लगाए बैठे हैं अधिकारी
एक आरोपित लिपिक सोनू कुमार झा फिलहाल सलाखों के पीछे है। दूसरे आरोपित लिपिक पंकज श्रीवास्तव फरार चल रहे हैं। विभाग के आला अधिकारी से लेकर पदाधिकारी तक पूरे मामले की गंभीरता को जान भी रहे हैं, बावजूद एक्शन एवं पैसों की रिकवरी के नाम पर चुप्पी लगाए बैठे हैं। विभागीय स्तर पर तीन सदस्य राज्य स्तरीय जांच टीम गठित की गई थी। राज्य स्तरीय जांच टीम के 2 सदस्य देवघर पहुंच कर पूरे मामले जांच जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर डॉ माधुरी कुमारी की उपस्थिति में किया। लेकिन अब तक कोई परिणाम सामने नहीं आया है। नतीजा, सरकारी राशि अभी बचत खाते से बाहर है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर 165 दिनों तक अवकाश व चिकित्सा अवकाश में थीं
जब लाखों की अवैध निकासी हुई तब जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर डॉ माधुरी कुमारी अवकाश एवं चिकित्सा अवकाश के कारण 18 फरवरी 2019 से 31 मई 2019 तक और 10 जनवरी 2020 से 12 मार्च 2020 तक छुट्टी पर थीं। इस दौरान क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक संथाल परगना दुमका राजकुमार प्रसाद सिंह जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर के प्रभारी थे।
अवैध निकासी मामले में 4 जून 2020 को नगर थाने में कराई गई थी प्राथमिकी
जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर के बचत खाते से अवैध निकासी मामले में देवघर नगर थाने में 4 जून 2020 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसमें 23.40 लाख रुपया अवैध निकासी का उल्लेख किया गया था। क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक संथाल पुराना दुमका द्वारा किये गये जांच में पुनः 31.64 लाख रुपया का अवैध निकासी का मामला सामने आया था। निर्देशानुसार प्राथमिकी में इस अवैध राशि का उल्लेख कराया गया।
प्रभारी के कार्यकाल में हुआ अवैध निकासी, प्रभारी ही कर लिए जांच
जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर के बचत खाते से जिस वक्त अवैध राशि का निकासी हुआ, उस वक्त क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक संथाल परगना दुमका राजकुमार प्रसाद सिंह प्रभार में थे। आश्चर्य की बात यह है कि जिन प्रभारी के कार्यकाल में इतनी बड़ी राशि की अवैध निकासी हुई और वही पूरे मामले की जांच भी कर लिए। यही नहीं जांच कर पूरा रिपोर्ट विभाग को भी भेज दिया गया।
अब देखना दिलचस्प होगा कि 55.04 लाख रूपये की अवैध निकासी में रिकवर हुए 16.10 लाख रुपये के बाद शेष सरकारी राशि की रिकवरी और फरार चल रहे आरोपित लिपिक की गिरफ्तारी कब तक होती है।