गावां (गिरिडीह)
गिरिडीह और कोडरमा के सीमा पर संचालित अवैध माइका खदान में चार लोगों की मौत का मामला सीमा विवाद में करीब 22 घंटे तक उलझा रहा।
गिरिडीह और कोडरमा के प्रशासनिक, पुलिस और वन अधिकारियों ने घंटों मंथन किया। दोनों जिले के वन एवं पुलिस अधिकारी यह मानने को तैयार नहीं थे, कि हादसा उनके क्षेत्र में हुआ है। बाद में खोरीमहुआ के अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार सिंह ने वहां पहुंचकर जांच की। गुगल मैप के सहायता से शुक्रवार को दोपहर करीब दो बजे यह पता लगा कि घटनास्थल गिरिडीह जिले के गावां थाना क्षेत्र में है। इसके बाद गावां थाना में प्राथमिकी दर्ज करने का फैसला लिया गया।
इधर अवैध खदान चलानेवाले गावां एवं कोडरमा के माइका माफियों ने चारों शवों को बिना पोस्टमार्टम कराए अंतिम संस्कार करा दिया। शवों को बरामद करने पर दोनों जिले की पुलिस एवं प्रशासन ने भी संजीदगी नहीं दिखाई। मृतक मजदूरों के परिजनों को डरा धमका कर माइका माफिया ने चुप करा दिया है। घटना के बाद से ही गावां के माइका माफिया इस मामले को दबाने में लगे हुए थे।
बता दें कि गुरुवार की शाम लगभग चार बजे गिरिडीह एवं कोडरमा की सीमा पर स्थित चरका पहाड़ी में संचालित अवैध खदान में माइका निकालने के दौरान अचानक मिट्टी का एक बड़ा हिस्सा भरभराकर गिर गया था। इसमें माइका चुन रहे चार लोगों की दबकर मौत हो गई थी। मृतकों में गावां थाना क्षेत्र के गोरियांचू निवासी बड़कु मुर्मू, ढाब (कोडरमा) थाना क्षेत्र के धजवा के अनिल यादव, रवि कुमार व गोपाल मांझी शामिल हैं। मामले में एसडीएम ने कहा कि दुर्गम इलाकों में अवैध खदानों का संचालन हो रहा है। इस कारण कार्रवाई में दिक्कत होती है। उन्होंने कहा कि अवैध खदानों पर कार्रवाई की जाएगी।