■ सरकार द्वारा जारी नियमों के अनुपालन व स्वच्छ पूजा स्थलों को किया जायेगा पुरस्कृत-नगर आयुक्त
देवघर।
नगर आयुक्त शैलेन्द्र कुमार लाल द्वारा जानकारी दी गयी कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी स्वच्छ पूजा पंडालों/स्थलों को पुरस्कृत किया जाना है।
ऐसे में पूजा पंडाल प्रतियोगिता में सामाजिक दूरी, सेनिटाईजेशन, साफ-सफाई के साथ-साथ पूजा पंडालों के आस-पास प्लास्टिक के कैरी बैग एवं सामान का उपयोग नहीं करेंगे। साथ हीं सेनिटाईजेशन हेतु नगर निगम द्वारा हरसंभव मदद किया जायेगा। सबसे महत्वपूर्ण सरकार व जिला प्रशासन के द्वारा जारी दिशा-निर्देश का अनुपालन दृढ़तापूर्वक करेंगें।
इसके अलावे वर्तमान में निगम द्वारा प्राधिकृत टीम (जिसमें निगम के पदाधिकारी एवं देवघर के प्रबुद्ध नागरिक होगें) द्वारा पूजनोत्सव के दौरान पंचमी यानी 21 अक्टूबर से दसवीं यानी 26 अक्टूबर तक का मूल्यांकन किया जायेगा। तत्पश्चात उपरोक्त व्यवस्थाओं में तीन श्रेष्ठ पूजा पंडाल को चयनित कर पुरस्कृत किया जायेगा।
● इन निर्देशों का करना होगा अनुपालन
1. दुर्गा पूजा का आयोजन मंदिर, घरों के अलावा छोटे स्तर पर तैयार पंडालों, मंडप में किया जा सकता है, जहां किसी तरह की कोई भीड़ नहीं होगी, सिर्फ पूजा होगी।
2. दुर्गापूजा पंडाल, मंडप को ऐसा बनाया जाना है, जिसमें बाहर से कोई मूर्ति या प्रतिमा नहीं दिख सके और ना भीड़ लग सके।
3. पूजा पंडाल, मंडल किसी प्रकार की थीम पर नहीं बननी चाहिए। पूजा पंडाल, मंडप एवं उसके चारों तरफ किसी भी तरह की लाइटिग से सजावट नहीं होनी चाहिए।
4. किसी भी तरह का तोरण द्वार या स्वागत गेट नहीं बनाया जाएगा। पूजा पंडाल, मंडप सिर्फ ढंका हुआ रहेगा तथा शेष भाग खुला हुआ रहना चाहिए।
5. प्रतिमा की अधिकतम ऊंचाई 04 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए। सार्वजनिक पता प्रणाली का कोई उपयोग नहीं होगा। त्योहार के दौरान किसी भी तरह के मेला का आयोजन नहीं होगा।
6. पूजा पंडाल, मंडप में एक समय में पुजारी, आयोजक एवं उनके सहयोगी को मिलाकर सिर्फ 7 लोग ही रह सकते हैं। किसी भी तरह का विसर्जन, जुलूस नहीं निकलेगा। सिर्फ जिला प्रशासन द्वारा चिन्ह्ति तालाबों में सादगी से प्रतीमा विसर्जन दुर्गा पूजा समिति द्वारा किया जाएगा।
7. किसी भी तरह का कोई प्रसाद, भोग वितरण या भोज कराने की इजाजत नहीं होगी। दुर्गापूजा समिति के आयोजकों द्वारा किसी भी तरह का आमंत्रण नहीं बांटना है।