देवघर।
उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी कमलेश्वर प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में देवघर जिलान्तर्गत नए उद्योग-धंधों के संभावनाओं एवं उनके निर्यात संवर्धन को लेकर समीक्षा बैठक का आयोजन समाहरणालय सभागार में किया गया।
इस दौरान उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गयी कि देवघर जिला अंतर्गत कई तरह के लघु एवं कुटीर उद्योग यथा- पेड़ा उद्योग, लोहारगिरी उद्योग, कालीन उद्योग, फूलों की खेती, बटखरा निर्माण से सबंधित उद्योग आदि संचालित है, जिन्हें और भी बेहतर करते हुए उनके गुणवत्ता में सुधार करने एवं उनके बाजारीकरण की आवश्यकता है ताकि इन उद्योगों को राज्य, देश के साथ-साथ विश्व स्तर पर ख्याति दिलाई जा सके।
समीक्षा के क्रम में उपायुक्त द्वारा जानकारी दी कि देवघर जिलां अंतर्गत संचालित उद्योगों के बेहतरी के लिए जिला स्तर पर समिति का निर्माण किया गया है। ऐसे में आज के बैठक में उप-समिति का निर्माण भी किया जा चुका है, जिनके द्वारा छोटे-बड़े विभिन्न उद्योगों का सर्वेक्षण किया जाएगा एवं उन उद्योगों के संचालन में आ रही समस्याओं का जिला स्तर से निदान करते हुए उनको बेहतर सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
साथ हीं उप-समिति को ऊपायुक्त द्वारा निदेशित किया गया कि जिले में और भी नए उद्योगों के स्थापित हेतु क्या संभावनाएं है इसकी भी सर्वेक्षण वृहत स्तर पर किया जाए। इसके अलावा उपायुक्त ने महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र को निदेशित किया कि उप-समिति के सदस्यों के साथ एक व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाया जाय एवं सभी के द्वारा किये जा रहे कार्यो के अद्यतन स्थिति से जिले को समय-समय पर अवगत कराया जाय।
साथ हीं देवघर जिलान्तर्गत संचालित सभी उद्योगों को विश्वपटल पर लाने एवं निर्यात को बढ़ावा देने के दिशा में समिति द्वारा कार्य किया जाय ताकि जिले एवं राज्य का नाम के साथ-साथ इन उद्योगों से जुड़े हुए लोगो को भी आर्थिक रूप से सुदृढ़ और सशक्त किया जा सके। इसके अलावे उपायुक्त ने मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्योग के जिला समन्वयक को निदेशित किया कि देवघर जिला अंतर्गत पेड़ा उद्योग का जियो टैगिंग से जोड़ा जाय, ताकि इसकी सुगमता उपलब्ध्ता आसानी से हो सके साथ हीं बाबा नगरी के प्रसाद पेड़ा को लंबे समय तक खराब ना हो इस पर भी कार्य करने का निर्देश दिया।
बैठक के दौरान उपायुक्त कमलेश्वर प्रसाद सिंह ने उप-समिति के सदस्यों को निदेशित किया कि उद्योग के सर्वेक्षण का कार्य जल्द से जल्द कराकर जिले को संबंधित रिपोर्ट उपलब्ध कराए जाय, ताकि राज्य को रिपोर्ट भेजा जा सके।
इन उद्योगों के लिए जिला में ही गठित समिति से मिल जाएगा क्लीयरेंस
क्रशरउद्योग, राइस मील, वाटर प्लांट, माइका उद्योग, कांटी फैक्ट्री, 5 एकड़ तक की पत्थर लीज, माइका लीज, लघु दर्जे का सीमेंट कारखाना, विभिन्न ट्रेडों में लाइसेंस, रबर फैक्ट्री, होटल इंडस्ट्रीज, बालू लीज, चिमनी भट्ठा, चूड़ा मील, पाइप फैक्ट्री, अगरबत्ती उद्योग सहित अन्य लघु उद्योगों के लिए क्लियरेंस सर्टिफिकेट जरूरी होती है।
बैठक में उपरोक्त के अलावे नगर आयुक्त शैलेन्द्र कुमार लाल, अपर समाहर्ता चंद्र भूषण प्रसाद सिंह, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र सैमरोम बारला, जिला खनन पदाधिकारी राजेश कुमार, जिला मतस्य पदाधिकारी प्रशांत कुमार, चैम्बर ऑफ कॉमर्स के सदस्य, प्रबंधक इज ऑफ डूइंग पीयूष कुमार एवं संबंधित अधिकारी आदि उपस्थित थे।