नई दिल्ली।
"सुनीता विलियम्स" भारत और दुनिया के लिए वो चमकता सितारा हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में 195 दिनों तक रहने का रिकॉर्ड बनाया। वह अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला हैं।
दो अंतरिक्ष मिशनों का अनुभव रखने वाली सुनीता पहली महिला हैं, जिन्होंने 50 घंटे तक स्पेस वॉक करने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है यानी यह वॉक स्पेस शटल या इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में नहीं, बल्कि बाहरी स्पेस में था।
गुजरात के अहमदाबाद से है सम्बंध
सुनीता विलियम्स का जन्म 19 सितंबर 1965 को अमेरिका के ओहियो राज्य में यूक्लिड नगर स्थित क्लीवलैंड में हुआ था। सुनीता का पूरा नाम सुनीता लिन पांड्या विलियम्स है। उनके पिता दीपक पाण्डया अमेरिका में एक डॉक्टर हैं, जिनका संबंध गुजरात के अहमदाबाद से है। जबकि उनकी मां बॉनी जालोकर पांड्या स्लोवेनिया हैं। उनके पिता दीपक पांड्या 1958 में भारत से बोस्टन चले गए थे।
सुनीता सितंबर-अक्टूबर 2007 में भारत आईं थीं
सुनीता ने मैसाचुसेट्स से हाई स्कूल पास करने के बाद 1987 में संयुक्त राष्ट्र की नौसैनिक अकादमी से फिजिकल सांइस में स्नातक की डिग्री हासिल की। 1995 में उन्होंने फ्लोरिडा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में एमएस की डिग्री हासिल की। जून 1998 में उनका अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा में चयन हुआ और फिर ट्रेनिंग शुरू हुई। सुनीता सोसाइटी ऑफ एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलेट्स, सोसाइटी ऑफ फ्लाइट टेस्ट इंजीनियर्स और अमेरिकी हैलिकॉप्टर एसोसिएशन जैसी संस्थाओं से भी जुड़ी हुई हैं। सुनीता विलियम्स सितंबर-अक्टूबर 2007 में भारत आईं थीं।
सुनीता को वर्ष 2008 में भारत पद्म भूषण से किया गया सम्मानित
सुनीता को वर्ष 2008 में भारत पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्हें नेवी कमेंडेशन मेडल, नेवी एंड मैरीन कॉर्प एचीवमेंट मेडल, ह्यूमैनिटेरियन सर्विस मेडल जैसे कई सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है।
जुलाई में एक वेबिनार के दौरान सुनीता ने कहा था कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वो कभी स्पेस में जाएंगी। कोलंबिया हादसे के बाद नासा ने भी इसको रोक दिया था। लेकिन फिर एक के बाद एक दो बार उन्हें स्पेस में जाने का मौका मिला। इसी दौरान उन्होंने बताया था कि अंतरिक्ष यान में बैठकर स्पेस में पहुंचने में केवल दस मिनट का समय लगता है, इसके बाद जो नजारा सामने होता है वो शानदार होता है।
एक वाक्ये के बारे में उन्होंने बताया था कि जब वो पहली बार स्पेस में गई थीं तब दस मिनट के बाद उनके कमांडर ने उन्हें ऊपर बुलाया और बाहर का नजारा देखने को कहा। सुनीता ने जब खिड़की से बाहर झांका तो पृथ्वी का दूसरा हिस्सा नीला और सफेद नजर आ रहा था।
सुनीता के पति माइकल जे विलियम्स उनके सहपाठी रह चुके हैं। वे नौसेना पोत चालक, हेलीकाप्टर पायलट, परीक्षण पायलट, पेशेवर नौसैनिक, गोताखोर, तैराक, धर्मार्थ धन जुटाने वाली, पशु-प्रेमी, मैराथन धावक और अब अंतरिक्ष यात्री एवं विश्व-कीर्तिमान धारक हैं।