गोड्डा।
स्कूटी से गोड्डा से ग्वालियर तक का सफर तय करने वाले गोड्डा के रहने वाले धनंजय हांसदा अपनी पत्नी सोनी हेंब्रम के साथ बुधवार को फ्लाइट से रांची एयरपोर्ट पहुंचे।
रांची एयरपोर्ट पर दोनों पति-पत्नी को मीडिया ने घेर लिया। मीडिया से मुखातिब होते हुए धनंजय हांसदा और सोनी हेंब्रम ने तो सबसे पहले तो मददगारों को धन्यवाद दिया। फिर अपनी पूरी कहानी साझा की।
धनंजय ने बताया कि वे खुद भले ही आठवीं कक्षा तक ही पढ़े हैं, लेकिन जीवन में शिक्षा का महत्व समझते हैं। इसलिए अपनी पत्नी की शिक्षा पूरी करने के लिए इतने दूर तक का सफर स्कूटी से तय किया।
गोड्डा से ग्वालियर तक स्कूटी से सफर तय करने के पीछे की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में आर्थिक तंगी की वजह से प्राइवेट गाड़ी करना संभव नहीं था। ऊपर से कोरोना संक्रमण का दौर है, इसलिए गाड़ी का साधन भी मुश्किल था। लिहाजा दोनों ने स्कूटी से ग्वालियर जाने का फैसला किया था।
धनजंय ने बताया कि अपनी गर्भवती पत्नी को परीक्षा दिलाने के लिए 28 अगस्त को स्कूटी से वो गोड्डा से ग्वालियर के लिए रवाना हुए थे। काफी जद्दोजहद और परेशानियों के बाद 30 अगस्त की दोपहर वे दोनों अपनी मंजिल तक पहुंचे। स्कूटी से करीब 1200 किलोमीटर का सफर पूरा करने के बाद ग्वालियर में दो दिन तो दोनों को काफी परेशानी हुई, लेकिन बाद में मीडिया में आये इनके संघर्ष और जज्बे की रिपोर्ट को देखते हुए ग्वालियर प्रशासन और स्थानीय लोगों ने इनकी मदद की। इनके ठहरने का प्रबंध ग्वालियर में ही किया गया। ग्वालियर में 1 से 11 सितंबर तक धनंजय की गर्भवती पत्नी सोनी हेंब्रम ने डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन के सेकंड सेमेस्टर की परीक्षा दी।
इस बीच दंपति के संघर्ष की कहानी मीडिया के जरिए देश के नामी-गिरामी औद्योगिक समूह अडाणी समूह के पास भी पहुंची। अडाणी ग्रुप ने धनंजय और सोनी की मदद करने का फैसला लेते हुए दोनो को फ्लाइट से रांची भेजने की घोषणा की।
इतना ही नहीं, धनंजय ने बताया कि कंपनी ने न सिर्फ उन्हें रांची भेजने, बल्कि यहां से गोड्डा तक पहुंचने के लिए कार का भी इंतजाम कर दिया।
घर लौटने के बाद दोनों पति-पत्नी ने इस संघर्ष के दौरान मिले सभी मददकारों का शुक्रिया अदा किया।