देवघर।
देवघर कॉलेज देवघर का परिसर… जहाँ एक तरफ भूतहा कोठी की तरह अर्द्धनिर्मित बिल्डिंग में शाम ढलते ही उदंड लड़कों की मौज-मस्ती शुरू हो जाती है. वहीं दूसरी तरफ देवघर कॉलेज परिसर में लगे एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं जलती है. शाम होते ही पूरा परिसर विरान हो जाता है. सिर्फ जुआड़ीयों और शराबियों का अड्डा बन जाता है.
देवघर कॉलेज के आसपास रहने वाले लोग असमाजिक तत्वों से परेशान हैं. उनका सवाल ये है कि आखिर स्ट्रीट लाइट क्यों लगाया गया था ?
आसपास के लोग कहते हैं कि जब लाखों खर्च कर इसे लगाया गया तो इसका रख-रखाव क्यों नहीं किया जाता है. आखिर क्यों अर्द्धनिर्मित बिल्डिंग बनाकर यूँ ही छोड़ दिया गया?
सरकारी फंड का फंडा समझ से परे लगता है. हालांकि, कॉलेज परिसर में पुलिस बल का अस्थायी विश्राम स्थल है फिर भी उसके नाक के नीचे अड्डेबाजी होती है. शराब की महक, गांजा की गंध. विदित हो इस कॉलेज परिसर में एक बैंक भी है. एक तरफ पुलिस ठहराव स्थल दूसरी तरफ बैंक और इसी के पास अर्द्धनिर्मित बिल्डिंग में अड्डे बाजी.
इस तरह अंधेरे में अड्डे बाजी होना, किसी सकारात्मक पहलु का हिस्सा नहीं हो सकता है. कॉलेज प्रबंधन को संज्ञान लेना चाहिए, साथ ही प्रशासन को भी इसकी जानकारी होनी चाहिए.