रांची।
टाना भगतों ने अपना आंदोलन सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से वार्ता के बाद स्थगित कर दिया है। टाना भगतों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी बातें विस्तार से सुनी है और भरोसा दिया है कि वो उनकी सभी मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार करेंगे। टाना भगतों ने मुख्यमंत्री से हुई वार्ता को संतोषजनक बताया है और उन्हें उम्मीद है कि सीएम उनकी सालों से चली आ रही समस्या को दूर करेंगे।
टाना भगतों ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनकी कई मांगों को जायज ठहराया है और जल्द ही इस पर अमल में लाने की बात कही है। आनेवाले दिनों में इसे लेकर एक बैठक की जाएगी, जिसमें सरकार के अधिकारियों के साथ-साथ टाना भगतों के प्रतिनिधी भी होंगे। मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद पत्रकारों से बात करते हुए टाना भगत ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उनकी बातों को समझने के लिए धन्यवाद दिया है।
क्या है मांग
छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम 1947 की धारा (145) की दफा 81A के तहत टाना भगत समुदाय अपने लिए हक मांग रहे हैं। टाना भगतों की मांग है कि उनका लगान माफ होना चाहिए। भूमि का पट्टा मिलना चाहिए। सीसीएल का प्रोजेक्ट फिर से शुरू करने की मांग की गई है। कोल फिल्ड में CCL की ओर से जो जमीन अधिग्रहण हो रहा है, उसके बदले मुआवजा मिलना चाहिए और परिवार को नौकरी मिलनी चाहिए। गैरमजरुआ जमीन मुफ्त में टाना भगतों को मिले। रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में टाना भगतों के 60 बच्चों को एक साल तक मुफ्त शिक्षा दी जाय और बाद में यहां से पढ़े बच्चों को नौकरी भी दी जाय। मुख्यमंत्री ने सभी मांगों को गौर से सुना और भरोसा दिया कि बहुत जल्द इस पर काम होगा। टाना भगतों ने कहा है कि एक महीने तक वो इंतजार करेंगे। इसके बाद आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
गौरतलब है कि अपनी मांगो को लेकर टाना भगत लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड के टोरी जंक्शन रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर ही 55 घंटे बैठे रहे थे. विधायक और टीम के साथ आंदोलनकारियों की कई बार लम्बी बातचीत और मान-मनौव्वल के बाद धरना समाप्त हुआ.