देवघर।
सांसद की गरिमा का ध्यान रखे बिना बार-बार गोड्डा सांसद डाॅ0 निशिकांत दुबे व उनके परिवार के उपर पुलिस द्वारा एफआइआर दर्ज किये जाने के मामले को लोकसभा अध्यक्ष ने संज्ञान में ले लिया है. और इसे ब्रिच ऑफ़ प्रिविलेज मानते हुए कमिटि ऑफ़ प्रिविलेज ने झारखंड के पुलिस अधिकारियों को हाजिर होने का पत्र जारी किया है.
ब्रिच ऑफ़ प्रिविलेज में इस बात का जिक्र है कि गोड्डा सांसद डाॅ0 निशिकांत दुबे के खिलाफ झारखंड के पुलिस अधिकारियों द्वारा साजिशन लगातार एफआईआर पर एफआईआर कर उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को बदनाम कर उनके लोकसभा क्षेत्र में उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों और कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है.
शुक्रवार को लोकसभा सचिवालय से जारी हुए पत्र के अनुसार देवघर के एसपी पियुष पांडे को कमिटि के सामने दिल्ली पार्लियामेंट हाउस के रूम नंबर डी में आठ सितंबर को दिन के 12.30 बजे सशरीर हाजिर होकर सांसद डाॅ. निशिकांत दुबे के खिलाफ दर्ज एफआइआर के मामले में मौखिक प्रमाण प्रस्तुत करना होगा.
गौरतलब है कि किसी भी सांसद के उपर किसी भी मामले में चार्जशीट तबतक दाखिल नहीं की जा सकती है, जबतक इसकी इजाजत लिखित तौर पर लोकसभा अध्यक्ष से न ले ली जाये. ऐसे में पिछले कुछ दिनों से सांसद डाॅ0 निशिकांत दुबे व उनके परिवार के उपर देवघर नगर थाने में अलग-अलग एफआईआर दर्ज किये गये हैं. ऐसे में बार-बार एफआईआर दर्ज होना ही सवालों के घेरे में आ जाता है. जिसका संज्ञान लोकसभा स्पीकर ने लिया है.