By: दीपक मिश्रा
मधुपुर/देवघर।
देवघर जिले के मधुपुर अनुमंडल के धरोहरों में एक सबसे पुराने उच्च विद्यालयों में श्यामा प्रसाद मुखर्जी हाई स्कूल का नाम शुमार है।
वर्ष 1909 में विद्यालय की स्थापना अंग्रेजों ने की थी। एडवर्ड जार्ज हाईस्कूल के नाम से करीब 90 वर्षों तक विद्यालय का संचालन किया गया। बाद में सरकार ने विद्यालय का नाम बदल कर श्यामा प्रसाद मुखर्जी उच्च विद्यालय रखा। इस विद्यालय का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां से पढ़कर निकले हजारों छात्र देश,विदेश के विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में कार्यरत हैं।
यहां मैट्रिक तक की पढ़ाई होती है। स्थानीय नागरिकों द्वारा प्लस टू की पढ़ाई चालू करने की मांग पर वर्ष 2002 में विधायक हाजी हुसैन अंसारी ने लाखों की लागत से प्लस टू विद्यालय भवन का निर्माण कराया। प्लस टू की पढ़ाई चालू करने के लिए शिक्षा विभाग ने प्रयास शुरू किया, लेकिन 18 वर्षों के बाद भी प्लस टू पढ़ाई की मान्यता नहीं मिली है। लाखों की लागत से बना विद्यालय भवन बेकार पड़ा है।
भवन में हमेशा ताला लगा रहता है। देख-रेख के अभाव में भवन की स्थिति बिगड़ रही है। स्थानीय लोगों ने स्थानीय विधायक सह सूबे के अल्पसंख्यक कल्याण व निबंधन मंत्री हाजी हुसैन अंसारी से श्यामा प्रसाद मुखर्जी उच्च विद्यालय में शीघ्र प्लस टू की पढ़ाई चालू कराने की मांग किया है।
स्थानीय लोगों का कहना है मधुपुर कालेज में छात्र-छात्राओं के अत्यधिक संख्या होने के कारण समुचित पढ़ाई नहीं होती है। विद्यालय में प्लस टू की पढ़ाई चालू होने से ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को इंटर की पढ़ाई करना आसान होगा।