सूरत (गुजरात)।
दुनिया में फैले कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोग हर जगह मास्क लगाने के लिए मजबूर हो गए हैं. यहां तक कि दूल्हा-दुल्हन भी मास्क लगा रहे हैं. कस्टमर की डिमांड को देखते हुए मार्केट में डिजायनर मास्क आ गए हैं. बाजार में शादी या अन्य किसी समारोह को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग डिजाइन के मास्क बनाए जा रहे हैं. अब सूरत में एक कारोबारी ने हीरे जड़ित मास्क बनाए हैं. इस मास्क को खरीदने वालों की भी संख्या रोज बढ़ती जा रही है. सूरत में यह मास्क फैशन ट्रेंड बन गया है.
हीरे जड़े हुए N-95 मास्क
गुजरात के सूरत में एक ज्वेलरी शॉप में हीरे जड़ित मास्क बनाए गए हैं, जिनकी कीमत 1.5 लाख से 4 लाख के बीच है. डायमंड नगरी सूरत में N-95 सर्टिफिकेशन और 3 प्लाई प्रॉटेक्शन मास्क का क्रेज बढ़ रहा है, क्योकि इसमें हीरे जड़े हुए हैं. ज्वैलर्स ने बताया कि मास्क में असली और सिंथेटिक दोनों ही तरह के हीरे जड़े हुए हैं. इन दिनों अलग-अलग डिजाइन वाले इन डायमंड मास्क का क्रेज खूब बढ़ रहा है.
ग्राहकों की मांग पर किया गया तैयार
दुकान के मालिक दीपक चौकसी का कहना है, लॉकडाउन हटने के बाद एक ग्राहक हमारी दुकान में आया और दूल्हा और दुल्हन के लिए यूनिक मास्क की डिमांड की. हमने अपने डिजाइनरों को मास्क बनाने के लिए कहा, जिन्हें बाद में ग्राहक ने खरीदा था. इसके बाद, हमने इस तरह के मास्क बनाए क्योंकि आने वाले दिनों में त्यौहारों के चलते इस तरह के मास्क की लोगों के बीच डिमांड बढ़ेगी. इन मास्क को बनाने के लिए सोने के साथ शुद्ध हीरे और अमेरिकी डायमंड का उपयोग किया गया है. उन्होंने बताया, 'अमेरिकन डायमंड के साथ मास्क में पीले सोने का इस्तेमाल किया गया है और इसकी कीमत 1.5 लाख है. एक और मास्क जो सफेद सोने और असली हीरे के साथ बनाया गया है और इसकी कीमत 4 लाख रुपए है.
1.5 से 4 लाख तक है कीमत
कोरोबारी ने बताया कि ग्राहक के बजट के हिसाब से एक मास्क पर 150 से लेकर 400 तक हीरे जड़े होते हैं. उन्होंने बताया कि मास्क पर पहले पतला गोल्ड कास्केट फिट किया जाता है और फिर उस पर हीरे जड़े जाते हैं. सिंथेटिक डायमंड मास्क की रेंज एक से डेढ़ लाख रुपये तक है, जबकि असली हीरों के मास्क की रेंज करीब चाढ़े 4 लाख रुपये तक की है.
कर रहे हैं केंद्र के दिशा-निर्देश का पालन
दुकान के मालिक ने कहा कि इन मास्क का कपड़ा सामग्री सरकार के दिशानिर्देश के अनुसार है. मास्क में लगे हीरे और सोने को निकाला भी जा सकता है.
दरअसल, कोरोना वायरस और सोने की बढ़ी कीमत के बीच ज्वैलरी बिजनस में 20 फीसदी की कमी आई है. इसलिए ज्वैलर्स कुछ अलग करने की कोशिश कर रहे हैं.