देवघर।
अगर सबकुछ तय समय के साथ होता रहा तो जल्द ही संथालवासियों को एम्स ओपीडी का लाभ मिलने लगेगा। देवघर एम्स के डायरेक्टर डॉ. सौरभ वार्ष्णेय यहां की जिम्मेदारी संभालने के बाद एक्शन मोड में आ गये हैं। निर्माण कार्य और आधारभुत संरचना को लेकर वे सभी संबंधित अधिकारियों से लगातार संपर्क में रह कार्य प्रगति पर नजर बनाये हुए हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को एम्स निदेशक मीडिया कर्मियों से भी रूबरू हुए।
अक्टूबर माह के अंत तक निर्माण कार्य पूरा होने की संभावना
डाबरग्राम स्थित प्रशासनिक भवन में मंगलवार को मीडिया कर्मियों से बात करते हुए देवघर एम्स के डायरेक्टर डॉ. सौरभ वार्ष्णेय ने बताया कि देवघर में एम्स भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। लॉकडाउन की वजह से काम लंबे समय तक बाधित रहा, लेकिन अब अनलॉक की ओर देश बढ़ रहा है। एम्स भवन निर्माण कार्य में भी अब तेजी लाई जा रही है। उन्होंने अक्टूबर माह के अंत तक निर्माण कार्य पूरा होने की संभावना व्यक्त की। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यहां मरीजों को स्वास्थ्य सेवा मिलने लगेगी। इसके लिए भारत सरकार से चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों की मांग की जा रही है।
एम्स स्थापना का मुख्य उद्देश्य बेहतर स्वास्थ्य सेवा, उत्कृष्ट डॉक्टर तैयार करना और नये रिसर्च
डायरेक्टर डॉ. सौरभ वार्ष्णेय ने कहा कि देवघर के देवीपुर में 246 एकड़ जमीन पर एम्स की स्थापना का मुख्य उद्देश्य बेहतर स्वास्थ्य सेवा, उत्कृष्ट डॉक्टर तैयार करना और नये रिसर्च करके मॉडर्न चिकित्सा सेवा में योगदान देना है। इस दिशा में देवघर एम्स ने काम करना शुरू कर दिया है। जितनी जल्दी उन्हें ओपीडी भवन बनाकर एनबीसीसी दे देगी, हैंड ओवर के 15 दिनों के अंदर ओपीडी सेवा चालू कर देंगे।
देवघर एम्स के लिए 187 पद स्वीकृत
डायरेक्टर डॉ. वार्ष्णेय ने बताया कि स्वास्थ्य सेवा शुरू करने को लेकर देवघर एम्स के लिए 187 पद स्वीकृत हैं. जिसमें से 11 ने योगदान दे दिया है. चार और जल्द योगदान देंगे. पटना एम्स की देखरेख में डॉक्टरों व अन्य मैन पावर की वैकेंसी निकाली गयी है। जल्द ही प्रक्रिया पूरी होगी। उन्होंने बताया कि देवघर एम्स के लिए चार पद सहायक परीक्षा नियंत्रक, अकाउंट्स अफसर, एडमिनिस्ट्रेटिव अफसर और लाइब्रेरियन ग्रेड-1 के लिए वैकेंसी निकाली गयी है। साथ ही सरकार से अत्याधुनिक जांच मशीन की मांग की जा रही है।
सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल होगा देवघर एम्स
डायरेक्टर ने बताया कि यहाँ बताया कि यहां 22 ओपीडी और 66 आईसीयू बेड के साथ राष्ट्रीय स्तर की स्वास्थ्य सुविधा मरीजों के लिए उपलब्ध होगी। संस्थान में अच्छी सुविधा के साथ छात्र-छात्राओं को रिसर्च की भी सुविधा उपलब्ध होगी। 246 एकड़ क्षेत्र में बने रहे संस्थान में 22 मंजिला भवन में सभी प्रकार की सुविधा होगी। इस तरह से देवघर एम्स झारखंड ही नहीं इस्टर्न इंडिया का अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल होगा।
इस साल भी होगा 50 स्टूडेंट्स का नामांकन
निदेशक डॉ. वार्ष्णेय ने बताया कि मेडिकल की पढ़ाई के लिए सत्र 2019-2020 में कुल 50 सीटों में से 48 छात्र-छात्राएं का नामांकन हुआ है। इनकी पढ़ाई हो रही है। इस साल कोविड-19 के कारण नामांकन में देरी हुई है। नीट्स इस बार मेडिकल में दाखिले के लिए परीक्षा लेगा। इस साल भी 50 स्टूडेंट्स का नामांकन होगा।
निदेशक डॉ. सौरभ वार्ष्णेय ने कहा कि एम्स प्रबंधन देवघर में अच्छी शिक्षा और अच्छी ट्रेनिंग देकर देश के लिए अच्छे डॉक्टर तैयार करेगा। नये-नये रिसर्च भी होंगे जो मेडिकल साइंस में अपना योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि देवघर एम्स के निर्माण कार्य में राज्य सरकार, देवघर एडमिनिस्ट्रेशन, गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे सहित सबों का सहयोग मिल रहा है।