देवघर।
कोरोना संकट काल के दरम्यान झारखंड की सांस्कृतिक राजधानी देवघर में हर साल लगने वाले विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले के आयोजन की संभावना इस साल अब खत्म होती नज़र आ रही है। दरअसल, सावन माह शुरू होने में 21 दिन ही बचे है। लेकिन अभी तक केंद्र सरकार द्वारा किसी तरह के धार्मिक मेले के आयोजन को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है। जिससे अबतक श्रावणी मेला आयोजन को लेकर बनी उम्मीद लगभग खत्म ही हो चुकी है।
30 मई को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनलॉक-1 को लेकर एक गाइडलाइन जारी की थी। गाइडलाइन में इस बात का विशेष जिक्र था कि फेज-3 के तहत किसी भी धार्मिक मेले के आयोजन के लिए मंत्रालय कोरोना की स्थिति को देख कर ही कोई निर्णय लेगा। लेकिन अभी तक मेला आयोजन को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। गाइडलाइन में कहा गया है कि लॉकडाउन में किसी भी तरह की छूट फेज वाइज दी जायेगी। पहले और दूसरे फेज में धार्मिक स्थलों, होटलों व शैक्षणिक संस्थानों को खोलने की बात थी। वहीं तीसरे फेज में सिनेमा हॉल, स्वीमिंग पुल, धार्मिक कार्यों और किसी तरह के धार्मिक आयोजन का जिक्र था।
लेकिन, तीसरे फेज को लेकर गृह मंत्रालय का स्पष्ट निर्देश था कि कोरोना के हालात देख ही मंत्रालय कोई निर्णय लेगा। मेला आयोजन के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय जबतक कोई निर्णय नहीं लेता है, तबतक राज्य सरकार भी कोई कदम नहीं उठा सकती है।
वहीं, राज्य में हर रोज़ कोरोना मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। बढ़ते मरीज़ों को देख यह बात और पुख्ता होती दिख रही है कि इस बार सावन के महीने में बाबा भोले के दर्शन से भक्त शायद वंचित रह जाएँ।
जानकारी हो कि विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला के दौरान हर रोज़ लाखों की संख्या में भक्त बाबा नगरी पहुंचते हैं। लाखों श्रद्धालुओं को हर सम्भव सुविधा देने के लिए पूरे कांवरिया पथ से लेकर बाबा मंदिर और देवघर शहर में तमाम तैयारियां करीब तीन माह पहले से ही शुरू हो जाती है। ऐसे में इस बार कोरोना संकट के कारण कोई भी तैयारियां अबतक शुरू नहीं हुई है। ज़ाहिर सी बात है कि अब केवल 21 दिनों में तैयारी पूरा होना नामुमकिन सा है। इसे देख श्रावणी मेला आयोजन पर संशय बना हुआ है।