दुमका।
झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शनिवार को उपराजधानी दुमका पहुंचे। दुमका रेलवे स्टेशन पर विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर श्रमिकों को लेह-लद्दाख के लिए रवाना किया। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा इस स्पेशल ट्रेन से करीब 1500 श्रमिकों को लेह लद्दाख ले जाया गया। इस अवसर पर सीएम सोरेन ने कहा कि आज पूरे देश और झारखंड के लिए अविस्मरणीय पल है।
श्रमिकों के रवाना होने से पहले बीआरओ के साथ झारखंड सरकार ने एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किया। दुमका के श्रम विभाग और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के प्रतिनिधि के बीच टर्म ऑफ रिफरेंस पर हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत श्रमिकों को तमाम कल्याणकारी सुविधाएं मिलेंगी। उनका कोई शोषण नहीं कर पाएगा और न ही उनका गलत इस्तेमाल किया जाएगा। ये मजदूर बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) के प्रोजेक्ट में भारत-चीन सीमा पर काम करेंगे।
मुख्यमंत्री ने श्रमिकों को लेह के लिए रवाना करने से पूर्व कहा- श्रमिकों, किसानों के प्रति सरकार संवेदनशील है। आने वाले समय में व्यवस्थाएं इन्हें समर्पित होंगी। कोई किसान, श्रमिक नहीं मरेगा, इसके लिए मुझे ही क्यों न अपनी जान देनी पड़े। नमन आप श्रमिकों, किसानों को। इसके लिए मुझे ही क्यों न अपनी जान देनी पड़े। सीएम ने कहा कि यह देश की खूबसूरती है कि एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर कामगार देश के विकास में योगदान देते हैं। सभी मजदूरों को उनकी मेहनत का वाजिब हक मिलना चाहिए। इसी को देखते हुए हमने बीआरए के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किया है।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, 'वर्षों से ठंड में हाड़ कंपाने वाले लेह जैसे दुर्गम क्षेत्र में काम करने गए झारखंडवासियों को अनेकों परेशानियों का दंश झेलना पड़ा है। आज देश सेवा में गौरव और सम्मान के साथ जा रहे मेरे झारखंडी भाईयों को मैं भरोसा देता हूँ कि उनके अधिकार की रक्षा के लिए उनका यह भाई हमेशा खड़ा है।'