देवीपुर/देवघर।
देवघर उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी नैन्सी सहाय ने देवीपुर प्रखण्ड अंतर्गत कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न समाजिक दूरी से निपटने तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के उद्देश्य से मनरेगा योजना के तहत तीन महत्वपूर्ण एवं महत्वाकांक्षी योजना यथा-नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना एवं वीर शहिद पोटो हो खेल विकास योजना का निरीक्षण कर वास्तुस्थिति का जायजा लिया।
इसके अलावे उपायुक्त द्वारा ’’पानी रोको पौधा रोपो’’ अभियान की शुरुआत करते हुए इस संदर्भ में लोगों को जानकारी देते हुए कहा गया कि इन योजनाओं के माध्यम से हम अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दे सकेंगे और जल एवं मृदा संरक्षण के कार्यों से गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत में हीं रहेगा। इससे हम जिले के प्रत्येक गांव एवं टोला में वर्षा जल का संरक्षण कर भूजल को रिचार्ज करने में सफल हो सकेंगे। इसके तहत पंचायतवार लक्ष्य की अभिप्राप्ति के लिए इस अभियान का नियमित अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण करने हेतु संबंधित अधिकारियों को उपायुक्त ने आवश्यक व उचित दिशा-निर्देश दिया गया है।
इस दौरान उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निदेशित किया कि योजना के तहत कार्य कर रहे श्रमिकों को साफ-सफाई के साथ-साथ शारीरिक दूरी का पालन करते हुए अपने कार्यों का निर्वहन करे, इस बात का विशेष ध्यान रखें। इसके अलावा निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त ने चल रहे आम बागवानी कार्यक्रम को लेकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशा-निर्देश दिया।
मनरेगा योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार से जोड़ना जिला प्रशासन की प्राथमिकताःउपायुक्त
निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गयी कि इन योजनाओं में से प्रतिदिन पंचायतों में कम से कम 200 से 250 मानव दिवस के सृजन का लक्ष्य रखा गया है, जिससे जहां एक ओर हम बड़ी आबादी को रोजगार दे सकेंगे। उपरोक्त उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए प्रत्येक पंचायत में औसतन 200 हेक्टेयर (500 एकड़) अपलेण्ड पर टीसीबी फिल्ड बंडिंग का कार्य इस वितीय वर्ष में सम्पादित किया जाना है। इस अभियान के अंतर्गत प्रत्येक गांव में टोला में कम से कम 5 योजनाएं संचालित किया जाना है। सबसे महत्वपूर्ण इन योजना के तहत ग्रामीणों को फलदार वृक्ष लगाने व उसकी देखभाल करने संबंधी रोजगार मिलेगा। साथ हीं इसमें बुजुर्गों और विधवा महिलाओं को प्राथमिकता दी जायेगी, ताकि उनके लिए भी रोजगार उपलब्ध हो सके। इस योजना के जरिये सरकार सड़क किनारे, सरकारी भूमि, व्यक्तिगत या गैर मजरुआ भूमि पर फलदार पौधा लगाने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित करेगी। इन पौधों की देखभाल की जिम्मेवारी ग्रामीणों की होगी। अगले पांच साल तक पौधों को सुरक्षित रखने के लिए सहयोग मिलेगा। उन्हें पौधों का पट्टा भी दिया जायेगा, जिससे वे फलों से आमदनी कर सकें। पौधारोपण के करीब तीन साल बाद प्रत्येक परिवार को 50 हजार रुपये की वार्षिक आमदनी होगी। साथ ही फलों की उत्पादकता बढ़ने की स्थिति में फलों को प्रसंस्करण व उसके बाजार उपलब्ध कराने की व्यवस्था होगी। इस योजना के तहत पूरे जिले में एक हजार एकड़ में पौधारोपण के साथ दो लाख पौधा लगाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है।
निरीक्षण के पश्चात उपायुक्त नैन्सी सहाय ने संबंधित क्षेत्र के पंचायत सचिव एवं रोजगार सेवक को निदेशित किया गया कि उनके क्षेत्र में बाहर से आये प्रवासी श्रमिकों को चिन्हित कर उनका जाॅब कार्ड बनाना सुनिश्चत करें, ताकि उनका निबंधन कर उन्हें मनरेगा के तहत रोजगार मुहैया कराया जा सके। साथ हीं इस बात का भी ध्यान रखा जाय कि कोई भी योेग्य व्यक्ति अथवा प्रवासी श्रमिक न छूटे। सभी को चिन्हित कर उनका जाॅब कार्ड बनाया जाय।