देवघर।
मासिक धर्म कोई अपराध नहीं, बल्कि एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है। जिस पर घर और समाज में खुलकर बात की जाए तो इस दौरान स्वच्छता के महत्व को भी समझा जा सकता है। जिसके लिए हमें एक माहौल बनाना होगा और पुरानी परंपरागत सोच को बदलना होगा। यह स्वच्छता महिलाओं को रखेगी स्वस्थ और देगी विश्वास आगे बढ़ने का, कभी नहीं रुकने का और डर को जड़ से खत्म कर देने का।
क्यों 28 तारीख को मनाया जाता है यह दिवस?
28 मई को पूरी दुनिया में मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। 2014 में जर्मनी के वॉश यूनाइटेड नामक एक एनजीओ ने इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी। इसका मुख्य उद्देश्य है लड़कियों और महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता रखने के लिए जागरूक करना था। तारीख 28 इसलिए चुनी गई, क्योंकि आमतौर पर महिलाओं के मासिक धर्म 28 दिनों के भीतर आते हैं।
इनर व्हील क्लब ने समझा महत्व
इस दिवस के महत्व को समझते हुए इनरव्हील क्लब देवघर ने अपने द्वारा अडॉप्ट किए गए गांव धाबी… जो चक्रमा पंचायत मोहनपुर में पड़ता है वहां की बच्चियों और महिलाओं को जागृत किया ।
इनरव्हील क्लब की अध्यक्ष सारिका शाह एवं उपाध्यक्ष अंजू बैंकर ने बताया कि कोरोना के लॉक डाउनके पहले ही उस गांव की बच्चियों को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए क्लब की ओर से सिलाई मशीन दी गई थी। और उनको ट्रेनिंग भी दी गई थी। लॉक डाउन के दौरान बच्चियों ने लगभग 300 मास्क बनाया है। आज उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनके माास्क को खरीदा गया और उनके बीच सैनिटरी पैड का वितरण किया गया।
इस दौरान बच्चियों को महावारी से जुड़ी समस्याओं एवं निवारण के बारे में बताया गया और इससे स्वक्षता विशेष के बारे में भी जानकारी दी गई ।
कहा कि अगर महिलाएं शिक्षित होंगी तो वह कभी भी इन बातों का बुरा नहीं मानेंगे इसलिए शिक्षा ही हर स्तंभ को पूर्ण करता है।शिक्षा से ही समझ और जागरूकता आती है। इससे उन्हें अपने हक के बारे में पता चलेगा। लड़कियों को कम से कम यह तो पता लगे कि यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, शर्मनाक नहीं। हम उन्हें बेवजह डरा देते हैंं। शिक्षा से ही अंधेरा दूर होगा। शिक्षा से ही जागरूकता आएगी।