देवघर।
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर देश में 3 मई तक लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन के हालातों के बीच आम इंसान तो किसी तरह वक्त गुजार रहे हैं लेकिन बच्चों खासतौर पर बीमार बच्चों और उनके माता-पिता के लिए परेशानी बढ़ रही है। हालांकि, सरकार की पूरी कोशिश है कि किसी को भी जरूरी सामान मिलने में किसी भी तरह की कोई दिक्कत न हो. इन सारी कवायदों के बीच एक खबर ने हर किसी का दिल जीत लिया है. जिसमे देवघर के जितेन्द्र मिश्रा का अहम रोल है.
अब ये दिल जितने वाली खबर क्या है इसे पढ़े:
दरअसल, तेलंगाना के सिकंदराबाद में एक परिवार को अपने 2 साल के बीमार बच्चे के लिए ऊंटनी के दूध की जरूरत थी। यह परिवार राजस्थान के फालना से अपने बच्चे के इलाज के लिए यह दूध मंगवाया करते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण उन्हें यह दूध नहीं मिल पा रहा था। बच्चे के परेशान पिता ने जब यह बात रेलवे को बताई तो रेलवे के अधिकारी उसके लिए मसीहा बनकर आ गए. बच्चे के परिवार ने सिकंदाराबाद तक दूध पहुंचाने के लिए राजस्थान के फालना के नोडल ऑफिसर से मदद मांगी थी. नोडल ऑफिसर ने सेंट्रल रेलवे के मुंबई डिवीजन के चीफ कमर्शियल इंस्पेक्टर जितेंद्र मिश्रा को सूचना दी। इस बात की जानकारी मिलने के बाद ही जितेंद्र मिश्रा ने बीमार बच्चे की मदद का फैसला लिया, लेकिन फालना और सिकंदराबाद के बीच सीधी पार्सल सेवा ना होने के कारण उन्होंने बच्चे के परिवार को सुझाव दिया कि लुधियाना बांद्रा टर्मिनस से पार्सल ट्रेन के जरिए दूध अगर बांद्रा तक भेज देंगे तो यहां से दूसरी ट्रेन से दूध सिकंदराबाद पहुंच जाएगा। उनके इस सुझाव पर अमल करते हुए मुंबई रेलवे ने राजस्थान और सिकंदराबाद के रेलवे अधिकारियों से बात की और दूध सिकंदराबाद पहुंचा दिया। दूध को कम समय में बच्चे तक पहुंचाने के लिए जितेंद्र ने राजस्थान, मुंबई और सिकंदराबाद के रेलवे के अधिकारियों से बात की। ट्रेन के बांद्रा पहुंचने के एक घंटे के अंदर ही दूध विशेष वाहन से पहले सीएसएमटी पहुंचाया गया. यहां से दूध सिंकदराबाद पार्सल ट्रेन से परिवार तक पहुंचाया गया.
देवघर के रोहिणी से है जितेन्द्र का रिश्ता :
बच्चे तक जल्द दूध पहुँचाने की कोशिश करने वाले जितेंद्र मिश्रा का देवघर से गहरा रिश्ता है. दरअसल, सेंट्रल रेलवे के मुंबई डिवीजन के चीफ कमर्शियल इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थापित जितेंद्र मिश्रा देवघर के रोहिणी के रहने वाले हैं. जितेन्द्र मिश्रा की कोशिश की हर ओर हो रही तारीफ से उनके घर-परिवार के साथ-साथ दोस्तों में भी काफी ख़ुशी है. जितेन्द्र के बचपन के दोस्त रोहिणी निवासी प्रोफेसर दीप सागर वर्मा ने पुरे मामले पर अपने दोस्त के इस प्रयास की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसे अधिकारीयों की जरूरत हर विभाग में है. दीप सागर ने कहा कि जितेन्द्र जैसे दोस्त और जितेन्द्र मिश्रा जैसे अधिकारी पर हमे गर्व है, जो इस संकट काल में भी अपने कर्तव्य का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं.
28 घंटे में दूध परिवार के पास पहुंच गया
बताया जा रहा है कि दूध को परिवार तक पहुंचने में 28 घंटे लगे. 1500 किमी का सफर तय कर बच्चे तक एक लीटर दूध पहुँचाने की इस पूरी कोशिश के लिए रेलवे अधिकारियों की तारीफ हो रही है। सेंट्रल रेलवे के अनुसार, कोरोना के संकट काल में मध्य रेलवे अपनी पार्सल सेवा के माध्यम से मास्क, दवा समेत अन्य आवश्यक वस्तुएं लोगों तक पहुंचाने का काम कर रही है। ऐसे में बच्चे के पिता की तरफ से जल्द दूध पहुंचाने का निवेदन किया गया था। निवेदन प्राप्त होते ही हमारी टीम ने सभी से कॉर्डिनेट कर 28 घंटे में दूध परिवार तक पहुंचा दिया।