साहेबगंज।
झारखंड उच्च न्यायालय ने जमानत देने की शर्त में भाजपा के पूर्व सांसद और पांच लोगों में से प्रत्येक को पीएम केयर्स फंड में 35 हजार रुपए जमा करने को कहा. साथ ही उन्हें इसका सबूत भी अदालत में पेश करने को कहा है. जस्टिस अनुभा रावत चौधरी ने 16 अप्रैल को ये आदेश देते हुए याचिकाकर्ताओं से ये भी कहा कि छूटते ही वे अपने मोबाइल पर आरोग्य सेतु ऐप इंस्टाल करेंगे और राज्य तथा केंद्र सरकार की तरफ से निर्धारित कोविड-19 की गाइडलाइंस का पालन करेंगे. साथ ही अदालत ने इनसे स्वयं सत्यापित आधार कार्ड और इनके मोबाइल नंबर भी मांगे हैं और कहा है कि ये मोबाइल नंबर मुकदमे का निपटारा होने तक ये लोग बदल नहीं सकेंगे.
15 मार्च 2012 को पूरे राज्य में तत्कालीन मनमोहन सरकार के खिलाफ बीजेपी द्वारा रेल रोको आंदोलन किया गया था, जिसमें पाकुड़ जिले में भी ट्रेन को रोका गया था. जिसमे एक माल गाड़ी को 10 घंटा तक पाकुड़ में रोका गया था. ट्रेन का परिचालन बाधित होने को लेकर रेल विभाग द्वारा पूर्व राजमहल लोकसभा के सांसद सोम मरांडी सहित 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. मामले में रेलवे के न्यायिक दंडाधिकारी के द्वारा सभी लोगो को एक वर्ष की सजा सुनाई गई थी, जिसको लेकर सोम मरांडी सहित सभी छह आरोपित साहिबगंज के मंडल कारा में 55 दिनो से बंद थे।
मामले में राजमहल के पूर्व सांसद सोम मरांडी सहित 6 लोगो को झारखंड हाईकोर्ट द्वारा सशर्त जमानत दी गई। जमानत में न्यायालय द्वारा सभी को 35-35 हजार रूपये पीएम केयर फंड मे जमा करने और आरोग्य सेतु एप्प डाउनलोड करने के शर्त के बाद ही सभी को जेल से रिलीज ऑर्डर दिया गया।