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फीस के अभाव में छात्रों को परीक्षा देने से रोका तो होगी सख्त कार्रवाई 

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रांची।

सूबे के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड मंत्रालय में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान एक स्पष्ट निर्देश दिया है कि आगामी आयोजित होने वाली 10वीं और 12वीं तथा किसी भी वर्ग की वार्षिक परीक्षा में स्कूल प्रबंधन चाहे वो कोल इंडिया के द्वारा संचालित स्कूल हो, सरकारी स्कूल या निजी स्कूल हो, फीस के अभाव में किसी भी विद्यार्थी को परीक्षा देने से वंचित नहीं करेंगे।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने शिक्षा विभाग को इसे प्रमुखता से लागू कराने का निर्देश दिया है। ऐसी घटना की खबर मिलने पर सरकार की तरफ से स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

वहीं समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए शिक्षा विभाग के मंत्री जगरनाथ महतो ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए जो मुख्य बातों कहीं:-

►मंत्री ने कहा कि  मुख्यमंत्री की तरफ से शिक्षा विभाग को साफ निर्देश है कि कोई भी निजी स्कूल फीस बकाये की वजह से किसी भी छात्र को परीक्षा में शामिल होने से नहीं रोक सकता है. अगर ऐसा हुआ तो विभाग उस स्कूल पर कड़ी कार्रवाई करेगा. बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा .

►हर हाल में 15 मार्च से पहले बच्चों को किताबें मिल जाएगी.

►पारा टीचर पर नियमावली बन रही है, इसे बनाने में सभी की सहमति ली जा रही है, नियमावली जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगी, फाइल लटकाने वाली बीमारी इस बार नहीं होगी.

►बंद स्कूलों को खुलवाने के लिए सभी जिलों के अधिकारी के साथ बैठक बुलायी जा रही है. बैठक में स्कूल खुलवाने पर निर्णय लिया जाएगा.

►शिक्षा विभाग में खाली पदों को भरने पर बैठक में चर्चा हुई. कैसे रिक्तियों को भरा जाए इसपर काम होगा. रिक्तियों को भरने के लिए सीएम की तरफ से भी निर्देश दे दिया गया है.

►रिएडमीशन के नाम पर समीक्षा की जा रही है.


विनायक

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